१९माह बाद ली पीडित बीपीएल परिवार की सुध

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अरांई थानाधिकारी कैलाश बैंसला पीडि़त परिवार को सुरक्षा का आश्वासन देते हुए।

अरांई। सिरोंज ग्राम पंचायत के गांव गेहलपुर के एक बीपीएल परिवार की सुध प्रशासन ने एक साल सात माह बाद ली। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर अरांई थाना पुलिस ने सोमवार को पीडित बीपीएल परिवार को देर शाम गांव में बसाया। साथ ही गांव के लोगों को पीडित परिवार को परेशान नहीं करने के लिए पाबन्द किया। जानकारी के अनुसार जमीनी मामले में रास्ते के विवाद को लेकर गेहलपुर निवासी सुखदेव नाथ सहित उसके परिवार ने गांव के दबंगों से भयभीत होकर ५ नवम्बर २०११ को गांव छोडना पडा। सुखदेव नाथ ने आरोप लगाया था कि ग्राम के ही नोरत जाट ने रास्ता विवाद के चलते उसके परिवार को गांव से बेदखल कर दिया था। इसके बाद पीडि़त सुखदेव नाथ ने ईसुगम, मुख्यमंत्री, जिला कलक्टर, उपखण्ड अधिकारी, पुलिस महकमे के आला अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई थी। परन्तु प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं होनें से सुखदेव व उसके परिवार को दर दर भटकने को मजबूर होना पडा था। परेशान होकर सुखदेव नाथ ने न्यायालय में उक्त व्यक्ति की दबंगाई व अधिकारियों की लापरवाही को लेकर याचिका दर्ज कराई थी। इस पर न्यायाधीश आलोक शर्मा ने परिवादी को पुलिस अधीक्षक के समक्ष उपस्थित होने के निर्देश दिए। जिला पुलिस ने मामले क ो गम्भीर लेते हुए परिवादी को पुलिस सुरक्षा के साथ सोमवार को गांव में बसाया।

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अरांई थानाधिकारी बैंसला सरपंच तथा ग्रामीणों से वार्ता करते हुए।

ग्रामीणों को किया पाबन्द :- थानाधिकारी कैलाश बैंसला ने गेहलपुर के नोरत जाट सहित अन्य ग्रामीणों को पाबन्द करते हुए सुखदेव व उसके परिवार को निर्भय होकर जीवन याचिका गुजारने के लिए आश्वसत किया। साथ ही थानाधिकारी ने सरपंच हरिराम गीला, ग्राम सेवक कैलाश चन्द शर्मा तथा गांव के वरिष्ठ लोगों से वार्ता कर गांव में भयमुक्त माहौल बनाने की अपील की।
घर में चोरी होने का लगाया आरोप – सुखदेव के परिवार द्वारा घर में प्रवेश करते ही सामान बिखरा देख परिवार के सदस्य बिलख बिलख कर रोने लगे। उन्होंने बताया कि उसके मकान के दरवाजे, खीडकिया, आदि चोरी हो गए है। वहीं घर में टीवी फुटी हुई मिली। अन्य कई सामान गायब मिला। इस पर पुलिस ने अपने स्तर पर जांच पडताल शुरू कर दी।

मनोज सारस्वत

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