मयाणी अस्पताल प्रांगण में निःशुल्क योग शिविर प्रारंभ

patanjali 1अजमेर। मनुष्य जीवन में पहला सुख निरोगी काया है। शरीर के विभिन्न विभाग यथा शरीर, मन, बुद्धि एवं प्राण आपस में समन्वित रूप से कार्य करें तो इस प्रकार बना हुआ योग कर्मों में कुशलता प्रदान करता है। जो दिखाई देता है वह शरीर है और योग यात्रा में सबसे पहले हमें शरीर के स्तर पर ही परिवर्तन दृष्टिगोचर होने लगता है। उक्त विचार पतंजलि योग समिति के महामंत्री स्वतन्त्र शर्मा ने मयाणी अस्पताल परिसर में आयोजित निःशुल्क योग शिविर के अवसर पर योग का प्रशिक्षण प्रदान करते हुए व्यक्त किए। उक्त शिविर प्रातः 5.15 से 6.45 तक चल रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रातःकालीन भ्रमण से शरीर के कुछ अंगों का ही व्यायाम होता है जबकि योग आसन एवं प्राणायाम से शरीर के आंतरिक एवं बाह्य दोनों ही अंगों का संपूर्ण व्यायाम होता है तथा मानसिक एवं आध्यात्मिक उर्जा भी प्राप्त होती है। अच्छा स्वास्थ्य केवल शरीर के ही स्वस्थ होने से नहीं है अपितु मन, बुद्धि एवं प्राण के संतुलन से है जो केवल प्राणायाम एवं योग के अभ्यास से ही प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने आज शिविर के प्रथम दिन विभिन्न प्राणायामों का अभ्यास कराया। अग्निसार क्रिया का महत्व बताते हुए उन्होंने कहा कि इस क्रिया को प्रातः काल उठते ही गरम पानी पीकर करने से वर्षों पुराना कब्ज की शिकायत भी चंद दिनांे में ही दूर हो जाती है। कपालभाति, अग्निसार और भस्रिका प्राणायाम से पेट के विभिन्न रोग दूर होते हैं।
शिविर के अंत में सुधार सभा, अजमेर के डॉ0 ईष्वर ठारानी, डॉ0 प्रभु ठारानी एवं डॉ0 रत्ना ठारानी ने उपस्थित साधकों का आभार प्रकट किया। योग प्रशिक्षक विष्वास पारीक, सुषांत ओझा, जनकसिंह हाडा तथा भवानी शंकर द्वारा शिविरार्थियों का योगाभ्यास के दौरान मार्गदर्शन किया।
उक्त शिविर का समापन रविवार 16 जून को किया जाएगा।

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