बोर्ड किसी भी उत्तर पुस्तिका का पुनर्मूल्यांकन नहीं करेगा

bser 450अजमेर। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के प्रबन्ध मण्डल ने सर्वसम्मिति से निर्णय लिया है कि किसी भी उत्तर पुस्तिका का पुर्नमूल्यांकन नहीं किया जावे। उल्लेखनीय है कि मानव अधिकार आयोग ने जयपुर जिले के तीन निजी विद्यालयों के परीक्षार्थियों को सीनियर सैकण्डरी परीक्षा में अन्य विषयों की तुलना में अंग्रेजी में कम अंक प्रदान किये जाने के प्रकरण मंे उक्त विद्यालयांे की उत्तर पुस्तिकाओं के पुर्नमूल्यांकन के लिये माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को निर्देशित किया था। बोर्ड ने आयोग को यह अवगत कराया कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अधिनियम 1957 के अध्याय-16 विनियम 13 (5) के अनुसार संवीक्षा (पुनर्गणना) में उत्तर पुस्तिका की पुर्नमूल्यांकन का प्रावधान नहीं है। आयोग ने बोर्ड को निर्देशित किया कि श्श्मानव अधिकारों की रक्षा के लिये माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान को अपने विनियमों में किसी प्रकार की शिथिलता या परिवर्तन करना पडे तो बोर्ड को निश्चित तौर पर करना चाहिए।श्श्
बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. पी.एस. वर्मा की अध्यक्षता में प्रबन्ध मण्डल की शनिवार को आहूत विशेष बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि इस संबंध में विधिक राय प्राप्त कर संक्षम न्यायालय में अपील की जाये। इस संबंध में अपील हेतु अनुभवी व्यक्ति नियुक्त किया जाये। सदस्यों की एकमत राय थी कि इस प्रकरण के संबंध में जो आरोप या शिकायतें आदि की गई है, उसकी आन्तरिक जॉच के लिये राज्य सरकार से निर्देश प्राप्त कर एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया जाये। जिसमें दो बोर्ड सदस्य व संबंधित विषय के तीन विशेषज्ञ बतौर सदस्य शामिल किये जाये। तथा समिति की रिपोर्ट आगामी बोर्ड प्रबन्ध मण्डल की बैठक में रखी जाये।
प्रबन्ध मण्डल ने अपनी राय से मानव अधिकार आयोग को अवगत कराने के लिये बोर्ड प्रशासन को निर्देशित किया। उल्लेखनीय है कि राज्य मानवाधिकार आयोग को इस प्रकरण में 21 जून को पालना रिपोर्ट प्रस्तुत की जानी है। प्रबन्ध मण्डल की बैठक में 19 सदस्य उपस्थित थे।
-राजेन्द्र गुप्ता
उपनिदेशक, जनसम्पर्क

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