120 रिक्त पदों पर भर्ती कि की घोषणा

rpscअजमेर। राज्य सरकार ने विगत कई सालों से राजस्थान लोक सेवा आयोग के खाली पड़े पदों को भरने की कवायद शुरू करते हुए मंगलवार को आदेश जारी कर दिये। राज्य सरकार से मिले आदेशांे के अनुसार राजस्थान लोक सेवा आयोग में लंबे समय बाद पहली बार एक साथ 120 पदों पर कर्मचारियों की भर्ती करने की घोषणा हुई हैं। जिससे आरपीएससी कर्मचारी यूनियन में ख़ुशी की लहर छा गयी। भर्ती की घोषणा के साथ ही आरपीएससी में यूनियन के पदाधिकारियों ने आयोग के अध्यक्ष हबीब खान गोरान और आयोग के सचिव के.के पाठक को मिठाई खिलाकर अपनी ख़ुशी का इजहार किया। वही यूनियन के पदाधिकारीयों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार भी व्यक्त किया। गौरतलब है कि राजस्थान लोक सेवा आयोग बीते कई सालो से rpsc bharti 02कर्मचारियों की कमी की मार के चलते कई बार अपने आप को असहाय महसूस कर चूका हैं और इन खाली पदों को लेकर कई बार आरपीएससी की यूनियन ने धरना प्रदर्शन भी किया। अब करीब 15 सालों के बाद ये पहला मौका आया है जब एक साथ 120 पदों की भर्ती की घोषणा की गई हैं।
वहीं राज्य सरकार ने आरपीएससी में सदस्यों के तीन रिक्त पदांे को भी भरने की कवायद करते हुए सुरजीत मीणा, आरडी सैनी और के.आर बागड़िया को नियुक्त कर दिया। मंगलवार को इन सभी अधिकारियों ने पदभार ग्रहण कर लिया।

राजस्थानी भाषा को आरएएस मुख्य परीक्षा में दी जगह
rpsc bharti 01अजमेर। राजस्थानी भाषा को संविधान की 8वीं सूची में शामिल करने की मांग भले ही राजस्थान सरकार ने पूरी नही की हो लेकिन आरपीएससी प्रशासन ने राजस्थानी भाषा का सम्मान करते हुए इसे बाकायदा आने वाली आरएएस परीक्षा में मुख्य रूप से जगह दी हैं। ये हकीकत में एक एतिहासिक फैसला हैं और सम्पूर्ण राजस्थान के लोगो के लिए गर्व की बात हैं।
राजस्थान में रहने वाले हर राजस्थानी के लिए उसकी भाषा यानी राजस्थानी भाषा एक अलग ही महत्व रखती हैं और यही वजह है की राजस्थान के अलग-अलग संगठनो द्वारा राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलवाने के लिए समय-समय पर आन्दोलन और धरने प्रदर्शन किये गये हैं। मगर जिस राजस्थान में राजस्थानी मुख्य भाषा के रूप बोली जाती हो और उस प्रदेश का मुखिया आज तक उसको मान्यता नहीं दे पाए है और आरएएस परीक्षा में राजस्थानी भाषा को शामिल कर लिया जाये तो इसे क्या कहा जाये। वाकई राजस्थान लोक सेवा आयोग ने प्रदेश के सभी राजस्थानीयों का सम्मान करते हुए बाकायदा आने वाले आरएएस परीक्षा प्रणाली में बदलाव करते हुए राजस्थानी भाषा को मुख्य रूप से जगह देकर राजस्थानी भाषा का सम्मान किया है।

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