
अंराई। समीपवर्ती ग्राम कल्याणपुरा में रामस्नेही सम्प्रदाय के खेडापा आचार्य श्री श्री १००८ श्री पुरूषोत्तम दास जी महाराज का सत्संग कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस अवसर पर गा्रमीणों द्वारा आचार्य का बधावणा करवाया गया। महिलाओं ने गुरू महिमा के भजन गाते हुए आचार्य श्री का स्वागत किया। प्रवचन देते हुए श्री पुरूषौत्तम दास जी महाराज ने कहा कि मानव जीवन की सफलता उत्तम कार्य सपंादित करने में है। उन्होनें बताया कि उत्तम कार्य वहीं है जो परमार्थ के लिए किया जाये। परमार्थ में परमेश्वर व स्वार्थ में अनर्थ का निवास होता है। ऐसा सत्तमार्ग सत्तपुरूषों के संग व आशीर्वाद से ही प्राप्त हुआ करता है। मानव को हमेशा सदैव सदगुणों का संचय करते हुए अपने जीवन को सफल बनाने में प्रयासरत रहना चाहिए। अपना ठिकाना भटके मनुष्यों के लिए संत महापुरूषों द्वारा उपदेशों की गंगा बहाई जाती है। उन्होनें नशामुक्त जीवन जीने की प्रेरणा दी। अरंाई रामद्वारा के महंत संत श्री रामप्रकाश जी रामस्नेही ने भक्तों को गौं महिमा के बारे में बताया। उन्होनें बताया कि गौं सेवा ही सबसे बडा धर्म है। कार्यक्रम में जैतारण निमाज के श्री माधवराम जी महाराज, सोहनराम जी, साधवी प्रेमबाई, सूरजबाई, राजाराम जी, रामनिवास जी, सहित आस पास के गावों से आये महिलाओं व पुरूषों ने भाग लिया।
कल्याण जी की सजेगी विशेष झांकी
कस्बे के श्रीकल्याण राय जी महाराज के मन्दिर में निर्जला ग्यारस पर विशेष झांकी सजाई जायेगी। पुजारी मुकेश पाराशर ने बताया कि सत्संग कमेटी की महिलाओं द्वारा इस अवसर पर भजन सरिताओं का कार्यक्रम भी आयोजित किया जायेगा। महाआरती के पश्चात महिलाओं द्वारा ग्यारह केली के पौधों को गोद लेते हुए उनकी देखभाल की जिम्मेदारी दी जायेगी।
मनोज सारस्वत