अजमेर। मनुष्य के जीवन में पहला सुख निरोगी काया है किंतु भौतिकवादी जीवन जीने के आदी हो चुके हम इस शरीर के मूल्य को नहीं जान पाते। यदि प्रत्येक अंग की कीमत का आंकलन किया जाए तो हमारे शरीर का कुल मौद्रिक मूल्य लगभग पाँच सौ करोड़ रूपये का है परंतु नित्य जीवन में हम कम कीमत के उपकरणों का रखरखाव तो बखूबी करते हैं किंतु इतना बहुमूल्य शरीर को यूं ही व्यर्थ के खान-पान की चीज़ों यथा पीजा, बर्गर, कोल्ड ड्रिंक, शराब, गुटखा, बीड़ी-सिगरेट तथा माँसाहार के द्वारा खराब कर देते हैं।
उक्त विचार पतंजलि योग समिति के महामंत्री स्वतन्त्र शर्मा ने सुभाष उद्यान में आयोजित निःशुल्क योग शिविर के अवसर पर योग का प्रशिक्षण प्रदान करते हुए व्यक्त किए। उक्त शिविर प्रातः 5.00 से 6.45 तक चल रहा है।
उन्होंने शिविरार्थियों को कपाल भाति प्राणायाम के विषय में बताया कि भोजन, श्वास, त्वचा तथा जल के माध्यम से हम अपने शरीर में गंदगी भरते रहते हैं जिसे प्रतिदिन कपालभाति प्राणायाम के माध्यम से शरीर से बाहर निकालना अत्यंत आवश्यक है अन्यथा यही गंदगी शरीर के किसी भी अंग में जमा होकर वहाँ पर नए रोगों को उत्पन्न कर देती है तथा पुराने रोगों को असाध्य रोगों में तब्दील कर देती है।
शिविर के दौरान आज 25 साधकों का निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया तथा पतंजलि योगपीठ हरिद्वारा से प्रशिक्षित वैद्य दरयाव सिंह द्वारा उन्हें आवश्यक आयुर्वेदिक दवाएँ भी प्रदान की गईं।
शिविर के दौरान आज साधकों को सूर्यनमस्कार का अभ्यास कराया गया। सूर्य नमस्कार के लिए युवाओं में अदम्य उत्साह भी देखा गया। योग शिविर में अन्शुल कुमार, विश्वास पारीक, अर्जुन सिंह, किरण मेहरा, भवानी शंकर, सुशांत ओझा, प्रभुलाल नुवाद, जसवन्त सिंह, अनीश गुप्ता, नेमी चन्द, किशन सोलंकी शिविरार्थियों के निरीक्षण हेतु सेवाएँ प्रदान कर रहे हैं।
उक्त शिविर का समापन रविवार 23 जून को किया जाएगा।
