-पीयूष राठी- केकड़ी। बुधवार को शहर में प्रशासन को मंदिर में चल रही पूजा रूकवाना इतना भारी पड़ गया कि उन्हे आमजनता के विरोध का सामना करना पड़ा,जमकर खरी खोटी सुननी पड़ी और उल्टे पांव मौके से रवाना होकर अपनी किरकिरी करवानी पड़ गई।
हुआ यूं कि शहर के खिड़की गेट पर स्थित बड़पीपलेश्वर महादेव मंदिर में बुधवार को उत्तराखण्ड में मची महातबाही में फंसे लोगों की सुरक्षा की कामना के लिये भगवान शिव का रूद्रभिषेक का कार्यक्रम चल रहा था कि तभी केकड़ी पुलिस के कुछ जवाान व नगरपालिका केकड़ी के कुछ कर्मचारी वहां पहुंच गये और पूजा को बंद करवा दिया। पूजा बंद करवाने की सूचना मिलते ही कई श्रद्धालुगण मंदिर परिसर में पहुंच गये तथा कर्मचारियों से पूजा बंद करवाने का कारण पूंछा इस पर कर्मचारियों द्वारा अधिकारियों के निर्देश पर पूजा बंद करवाने की बात कही तथा मंदिर में लगवाये जा रहे टीनशैड को अतिक्रमण बताते हुए बवाल खड़ा कर दिया। इस पर गुस्साये श्रद्धालुओं ने कर्मचारियों का जम कर विरोध करना प्रारंभ कर दिया। मामला बिगड़ते देख केकड़ी पुलिस उपाधीक्षक सरीता सिंह भी मौके पर पहंुच गई। सिंह को सभी श्रद्धालुओं ने पूंछा कि आखिर ये कोनसा कानून हैं जो किसी को पूजा करने से रोक सकता हैं जिस पर सिंह कोई जवाब नहीं दे पाई और सभी से समझाईश करने लगी। इसी दौरान उपखण्ड अधिकारी हीरा लाल मीणा,तहसीलदार रजनी माधीवाल,नगरपालिका अधिशाषी अधिकारी शैर सिंह भी मौके पर पहुंच गये। सभी अधिकारियों के पहुंचते ही श्रद्धालुओं ने उनका घेराव कर लिया और जमकर खरी खोटी सुनाई। श्रद्धालुओं ने उपखण्ड अधिकारी को बताया कि मंदिर में टीनशैड़ लगावाने को नगरपालिका अधिशाषी अधिकारी अतिक्रमण बता रहे हैं जबकि टीनशैड़ तो मंदिर परिसर के अंदर लगवाया जा रहा हैं ना कि कहीं अतिक्रमण कर के….इसके बाद अधिकारियों ने मौका मुआयना भी किया। मौके पर ही अधिशाषी अधिकारी का भी श्रद्धालुओं ने घेराव कर जमकर खरी खोटी सुनाई। श्रद्धालुओं का गुस्सा देख अधिकारी भी मौके से उल्टे पांव रवाना हो गये।
गौरतलब हैं कि पिछले दिनों ही अधिशाषी अधिकारी द्वारा हिन्दूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं के खिलाफ राजकार्य में बाधा का मुकदमा दर्ज करवाया गया था जिसका विरोध अब तक थमा नहीं हैं और यह एक और मामला हो गया हैं जिसके बाद हिन्दूवादी संगठन और अधिशाषी अधिकारी के बीच फिर टकराव की स्थिति पैदा हो गई हैं।
बहरहाल अधिकारियों की इस किरकिरी के बाद जो प्रश्न नगरपालिका प्रशासन पर खड़ा होता हैं वह हैं कि आखिर किसी दबाव में आकर वे इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं जिससे उन्हे आमजन के विरोध का सामना करना पड़ रहा हैं। साथ ही प्रश्न अधिशाषी अधिकारी की कार्यप्रणाली पर भी उठता हैं कि आखिर बिना मौका मुआयना किये ही उन्होने कर्मचारियों को किस आधार पर कार्यवाही के आदेश दे दिये।
चौथे दिन भी जारी रहा हिन्दू रक्षा समिति का धरना
हिन्दू रक्षा समिति के बैनर तले शहर के घण्टाघर चौराहे पर रविवार 23 जून से शुरू हुआ अनिश्चितकाली धरना बुधवार को चोथे दिन भी जारी हैं। बुधवार को धरने का समर्थन करते हुए दीनदयाल उपाध्याय स्मृति मंच के कार्यकर्ता धरने में पर बैठ गये। मंच के कार्यकर्ताओं ने बताया कि हिन्दू रक्षा समिति की सभी मांगे जायज हैं जिन्हे प्रशासन द्वारा पूरी की जानी चाहिए। वहीं उपखण्ड अधिकारी हीरा लाल मीणा व तहसीहलदार रजनी माधीवाल द्वारा गतिरोध को समाप्त करने की पहल तो की गई मगर उन्होने रक्षा समिति के कार्यकर्ताओं को अपने कार्यालय में आकर वार्ता करने का प्रस्ताव रखा जिसे समिति कार्यकर्ताओं ने ठुकरा दिया और धरनास्थल पर ही वार्ता करने की बात कही जिससे स्थिति जस की तस बनीं हुई हैं।
रक्षा समिति के अध्यक्ष बद्री लाल माली ने बताया कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती यह धरना अनवरत जारी रहेगा। साथ ही उन्होने बताया कि गुरूवार को क्षेत्र के सभी साधू-संत धरने का समर्थन कर धरना देगें और इसके बाद क्षेत्र के सभी ग्राम पंचायत मुख्यालयों से हिन्दूवादी संगठनों के कार्यकर्ता इस धरने में शामिल होते रहेगें।
गौरतलब हैं कि शहर के बस स्टेण्ड के पास स्थित छोटा तालाब की भूमि के प्रकरण में विभिन्न मांगो पर कार्यवाही की मांग कर रहे हिन्दू संगठनों के पांच लोगों के खिलाफ नगरपालिका अधिशाषी अधिकारी द्वारा केकड़ी थाने में राजकार्य में बाधा सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाया गया था। इसके बाद से ही हिन्दूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं में रोष व्याप्त हो गया और वे इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं।
ये बैठे धरने पर – बुधवार को दीनदयाल उपाध्याय स्मृति मंच के पार्षद महेश नायक,अनिल राठी,रामकिशन गूर्जर,बलराज मेहरचंदानी,सत्यनारायण चौधरी,राजराजेश्वर व्यास,राजवीर हावा,गिरीराज खटीख,दुर्गालाल लोहार,हरीश कुमावत धरने पर बैठे।