जिला बार एसोसिएशन द्वारा शनिवार को बार सभागार में न्यायिक प्रक्रिया में व्याप्त भ्रष्टाचार कारता और निवारण विषय पर पूर्व न्यायाधिपति मुख्य वक्ता शिव कुमार शर्मा ने आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि व्यवस्था में भ्रष्टाचार नहीं होता व्यक्ति भ्रष्ट होता है संस्था भ्रष्ट नहीं होती। न्यायपालिका में भ्रष्टाचार नहीं है गलत व्यक्ति न्यायपालिका में आकर भ्रष्टाचार करता है इससे पुरी व्यवस्था को भ्रष्ट नहीं मानना चाहिए। शर्मा का कहना था कि भ्रष्टाचार कहीं से भी शुरू हो सकता है चाहे वे चपरासी हो, बाबु हो या अधिकारी हो। उनहोंने कहा कि यदि रिश्वत देने वाला तय करले कि मुझे कानुनी प्रक्रिया और अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए न्याय हांसिल करना है इसमें भले ही देर हो जाये तो मै कहता हंु कि भ्रष्टाचार पनप ही नहीं सकता। संगोष्ठी की अध्यक्षता बार कौंसिल के सदस्य और पूर्व चैयरमेन भवानी सिंह शक्तावत ने की। संगोष्ठी के साथ ही देश में भ्रष्टाचार विरोधी वातावरण से न्यायिक प्रक्रिया भी प्रभावित होने और न्यायिक अधिकारियों के आचरण से न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को पंहुचे आघात पर भी विचार विमर्श किया गया। इस अवसर पर बार अध्यक्ष राजेश टंडन, सचिव चन्द्रभान सिंह राठौड सहित बार सदस्य और अधिवक्ता मौजुद थे।