किशनगढ के 150 स्कूलों के भोजन की आकस्मिक जाँच होगी

vaibhav galariya 6अजमेर। जिला कलक्टर श्री वैभव गालरिया ने बताया कि किशनगढ़ क्षेत्र के 150 स्कूलों के बच्चों को नांदी फाउन्डेंशन किशनगढ़ द्वारा वितरित किये जा रहे दोपहर के भोजन (मिड-डे मील) के अगले सप्ताह से विभिन्न जाँच दलों द्वारा आकस्मिक जाँच करायी जायेगी जो भोजन की गुणवत्ता और निर्धारित मीनू के अनुसार भोजन वितरण करने के सम्बन्ध में होगी।
श्री गालरिया ने नांदी फाउन्डेंशन की किशनगढ़ स्थित केन्द्रीयकृत रसोईघर द्वारा निर्मित मिड-डे मील की गुणवत्ता को लेकर विभिन्न स्तर से प्राप्त शिकायतों को ध्यान में रखकर स्कूलों में वितरित किये जाने वाले भोजन की आकस्मिक जाँच कराने का निर्णय लिया है जो लगातार जारी रहेगा। इसके लिए विभिन्न स्तर पर जाँच दल का गठन भी किया जायेगा। जिला कलक्टर ने उक्त केन्द्रीय रसोईघर में सांप पाये जाने की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री महेन्द्र शर्मा से जाँच करायी, जिन्होंने कल 4 जुलाई को केन्द्रीयकृत रसोईघर की मौके पर जाकर जाँच की।
जाँच अधिकारी श्री शर्मा ने बताया कि 4 जुलाई को ही इस प्लाण्ट के गोदाम में सांप का बच्चा आ गया था जिसे तत्काल बाहर फेंक दिया गया। जाँच में पाया कि रसोईघर में गेहूँ के कचरे की दो बोरियां तथा गोदाम के बाहर खाली बोरियों का ढेर पडा हुआ था जिनमें सांप, चूहें आदि जानवर छुप कर बैठ सकते हैं। रसोईघर के मैनेजर श्री योगेन्द्र शर्मा को उपरोक्त कचरा व बारदाना तत्काल हटाने और अनाज गोदाम को व्यवस्थित करने के निर्देश दिये। केन्द्रीय रसोईघर की इससे पूर्व में 10 मई तथा 1 जुलाई 2013 को भी निरीक्षण किया गया जिसमें भी कुछ अनियमितताऐं पाई गई। मीनू के अनुसार भोजन के साथ फल वितरित किये जाने थे जो एक जुलाई को नहीं किये गये। 4 जुलाई के निरीक्षण के समय भी रोटी एवं दाल के सैम्पल नहीं पाये गये। श्री शर्मा एवं जिला परिषद के लेखाकार श्री के.जी. सोमानी ने मैनेजर को प्रतिदिन बनने वाले भोजन का सैम्पल सांयकाल 6 बजे तक रखने तथा गोदाम में गेहूँ व चावल की बोरियों को व्यवस्थित करने के निर्देश दिये जिससे जीव-जन्तु अंदर प्रवेश नहीं कर सके। पंचायत समिति सिलोरा के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी द्वारा भी इस केन्द्रीयकृत रसोईघर की आज जाँच की गई।
जिला कलक्टर श्री गालरिया ने स्पष्ट किया कि अगले सप्ताह से किशनगढ़ क्षेत्र के 150 स्कूलों में वितरित किये जाने वाले मिड-डे मील की आकस्मिक जाँच में भोजन की पाई जाने वाली गुणवत्ता तथा स्कूल के बच्चों, शिक्षिकों व अभिभावको से जानकारी लेने के बाद ही यह तय किया जायेगा कि नांदी फाउन्डेंशन के आगामी वर्ष का नवीनीकरण किया जाये या नहीं?

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