अजमेर। राजस्थान की एक वैज्ञानिक बेटी डॉ. सरला लाखावत को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली में कृषि अनुसंधान के क्षेत्र में एवं जनजाति क्षेत्र में बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने एवं महिलाओं की आर्थिक सशक्तिकरण के लिए नई तकनीक एवं अनुसंधान के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक लाख रूपये के नगद पुरस्कार से आज पुरस्कृत किया। अजमेर में जन्मी डॉ. सरला लाखावत को राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी एवं कृषि मंत्री श्री शरद पंवार ने नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में एक लाख रूपये के चैक एवं प्रशस्ति पत्र देकर पुरस्कृत किया। डॉ. सरला लाखावत के प्रशस्ति पत्र में कहा गया है कि उन्होंने सहरिया जनजाति के बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए सोयाबीन की विशिष्ठ खाद्य सामग्री आविष्कृत कर सराहनीय कार्य किया।
डॉ. सरला लाखावत ने महिलाओं के स्व-सहायता समूह का आर्थिक विकास करने के लिए नये आर्थिक प्रयोग किये, जिससे महिलाऐं आत्म-निर्भर हुई। डॉ. सरला लाखावत ने लहसुन पैदा करने वाले किसानों के लिए नया तकनीकी आविष्कार कर उसके पाउडर और दाने विकसित किये, जिनको किसानों ने न्यूजीलैण्ड व सिंगापुर को निर्यात कर अत्यधिक आय अर्जित की। उल्लेखनीय है कि डॉ. सरला लाखावत वर्तमान में उदयपुर के कृषि विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत् है।