बाल श्रम समस्या की हो विशेष निगरानी-जिला कलक्टर

vaibhav galariya 6अजमेर। जिला कलक्टर श्री वैभव गालरिया ने जिला प्रशासन व श्रम विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले में बंधुआ मजदूरों एवं बाल श्रम उन्मूलन के लिए विशेष निगरानी रखी जाए। जहां भी इस तरह की समस्या सामने आए अधिकारी तुरन्त कार्रवाई करें। इसके लिए प्रशासन, पुलिस व श्रम विभाग की संयुक्त टीम बनाकर कार्रवाई की जाएं।
जिला कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में गुरूवार को आयोजित ”बंधक श्रम समस्या : परिदृश्य और समाधानÓÓ विषय पर आयोजित कार्यशाला में बंधुआ मजदूरों व इससे जुड़ी अन्य समस्याओं व समाधान पर चर्चा हुई। कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे जिला कलक्टर श्री गालरिया ने कहा कि हमें उन कारणों को भी खोजना होगा जिसके कारण लोग बंधुआ बन जाते हैं। क्षमता से ज्यादा खर्च, शादी-ब्याह, मृत्युभोज या अन्य सामाजिक कार्याें में लोग जरूरत से ज्यादा खर्च करने के लिए कर्जा लेते हैं और फिर चुका नहीं पाते हैं। जब तक जिले में एक भी बंधुआ है, यह हमारे लिए चुनौती है। श्री गालरिया ने बाल श्रम के खिलाफ भी लडऩे का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि विभिन्न व्यवसायों में खतरनाक स्थिति में काम कर रहे बाल श्रमिकों को चिन्हित कर उनके उन्मूलन एवं पुनर्वास की व्यवस्था की जाए।
जिला कलक्टर ने निर्माण कार्याें, आरी-तारी, खनन एवं नशे की लत के कारण बालश्रम कर रहे बच्चों को चिन्हित करने के निर्देश दिए। उन्होंने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारियों को कहा कि नशे की लत के कारण बिगड़ रहे बच्चों के पुनर्वास एवं उत्थान के लिए जिले में एक ओर शिविर लगाया जाए। श्रम विभाग के अधिकारी श्री रामप्रकाश पारीक एवं एल.एन. जोशी ने बंधक श्रम समस्या एवं बालश्रम सहित राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि निर्माण श्रमिकों का पंजीयन अब विकास अधिकारी के स्तर पर भी हो सकेगा। इसके लिए जल्द ही आदेश जारी कर दिए जाएंगे।
जिला विधिक सहायता प्राधिकरण के सचिव श्री सुरेन्द्र पुरोहित ने कहा कि अब बंधक श्रम की परिभाषा में काफी परिवर्तन आ गया है। हमें सूदखोरों के चंगुल में फंसे लोगों सहित अन्य क्षेत्रों की ओर भी ध्यान देना होगा। केकड़ी उपखण्ड अधिकारी श्री हीरालाल मीना, श्री जयबहादुर माथुर, श्री माणकचन्द जैन सहित अन्य वक्ताओं ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यशाला में अलग-अलग समूह बनाकर समस्या निवारण के लिए राय ली गई। कार्यशाला में जिला व उपखण्ड स्तरीय सतर्कता समितियों के पुनर्गठन, समय पर बैठक, बंधक व बाल श्रम जुड़े कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए गए। कार्यशाला में जिले के कई अधिकारी व स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

error: Content is protected !!