संगीत की विभिन्न विधाओं से झूमा संस्कृति द् स्कूल

DSC03707DSC03803अजमेर! वर्षा का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है, हमारे जीवन को पालन पोषण वर्षा से ही होता है इसीलिए मेघों को मनुहार करके बुलाया जाता है । इसी उद्देष्य से संस्कृति द् स्कूल में प्रतिवर्ष मेघमल्हार का आयोजन किया जाता है । कार्यक्रम का प्रारम्भ मियां मल्हार पर आधारित गणपति वंदना महापति गणपति मंगल बरसाओ से हुआ । तत्पष्चात् वर्षा व सावन ऋतु पर आधारित एक से एक बेहतरीन प्रस्तुति दी गई जिसमें राग मेघ पर आधारित शास्त्रीय संगीत का छोटा ख्याल – गरज गरज बरसो रे मेघा, सावन को तरसे रे नेहा तथा सुगमा संगीत पर आधारित बोले रे पपीहरा, नैनों में बदरा, सुनो सजना जैसे लोकप्रिय गीत प्रस्तुत किए गए ।
मल्हार के गीतों के बीच-बीच में श्री रजनीष चारण ने मल्हार का शास्त्रीय पक्ष बताया । कार्यक्रम को नन्हे नन्हें गायक कृष्णा, सार्थक गोयल, विधि, मान्या, अनन्या कुरी, सात्विक कुरी, प्रणव माथुर, ईषान दत्ता व हृद्यांषी ने अपनी प्रतिभा दिखाई । कार्यक्रम के अन्त में प्राचार्य अमरेन्द्र मिश्रा ने नीले-नीले अम्बर पर गीत गाकर संगीतमय धन्यवाद दिया । कार्यक्रम के दूसरे चरण में अन्तर सदन देषभक्ति नृत्य प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें चारों सदनों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर वातावरण को देषप्रेम में रंग दिया । कार्यक्रम का प्रारम्भ सारे जहाँ से अच्छा की प्रस्तुति के साथ सिग्निस हाऊस ने किया तत्पष्चात् पेगेसिस हाऊस ने देष मेरे देष मेरे मेरी जान, ऑरायन हाऊस ने जहाँ पाँव में पायल तथा हरक्यूलिस हाऊस ने मोहे रंग दे बसंती पर
नृत्य कर सबको झूमने पर मजबूर कर दिया ।
प्रतियोगिता में हरक्यूलिस हाऊस प्रथम, पेगेसिस हाऊस द्वितीय, ऑरायन हाऊस तृतीय व सिग्निस हाऊस चतुर्थ रहा । निर्णायक की भूमिका श्री मोहित भट्ट, रैना शर्मा व श्रीमती शाष्वती घोष, उप प्राचार्या (सांस्कृति कार्यक्रम) ने निभाई ।
-अमरेन्द्र मिश्रा, प्राचार्य

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