अजमेर। भारत देश को यूपीए सरकार अपनी जनविरोधी नितियो के चलते जल्द ही विदेशियों के हाथों मे सौंपने की तैयारी कर रही है। इसका प्रमाण बे-लगाम बढ़ती पेट्रोलियम पदार्थांे की कीमतों से लगाया जा सकता है। यूपीए सरकार महंगाई और भ्रष्टाचार को रोकने मे तो नाकाम रही ही है। रूपये की गिरते स्तर को भी रोकने मे असफल रही इस कांग्रेस सरकार से आम जनता की सभी उम्मीदें खत्म हो चुकी है। हर खासो आम अब इस सरकार से मुक्ति पाना चाहता है। शनिवार देर रात पेट्रोल पर 2.96 पैसे और 60 पैसे पर बढ़ोतरी कर सरकार ने साफ कर दिया है कि महगंाई को रोक पाना अब उनके हाथ मे नही है। लाचार प्रधानमंत्री ने देश को भी विश्व पटल लाचार बनाने मे कोई कसर नही छोड़ी है। अब इसके बाद सरकार की नजरें गैस सिलेण्डर के दामों मे बढ़ोतरी की ओर है। पेट्रोलियम मंत्री विरप्पा मोईली ने प्रधानमंत्री से सिफारिश की है कि गैस सिलेण्डर पर 50 रूपये बढ़ाये जाये। पिछले 3 महिने मे इस सरकार के मंत्रियो की कार गुजारी के चलते पेट्रोल पर 9 रूपये से ज्यादा और डीजल पर 8 महिने मे 5 रूपये की बढ़ोतरी की गई। जिसके चलते महंगाई का ग्राफ लगातार बढ़ता ही चला गया। पहले सरकार पेट्रो पदार्थो के मुल्य बढ़ाती थी तो विपक्षी दल आम जनता के साथ सड़को पर सरकार के पुतले फूंक कर विरोध जताती थी। लेकिन जब से सरकार ने पेट्रो पदार्थो को कंपनियो के हवाले खुले बाजार मे सौंपा है तब से इस तरह के विरोध प्रदर्शन भी थम गये है। लाचार जनता अपने आपको ठगा महसुस करने के अलावा और कुछ कर भी नही सकती।
आमदनी अठ्ठनी और खर्चा रूपैया वाली कहावत कांगेस सरकार पर फिट बैठती है। यह सरकार अपने रूपये के मूल्य को जब कंट्रोल नही कर सकती तो इस देश पर राज कर रहे सरकार के नेताओ को गद्दी पर बैठने का क्या हक है। बिना रोक टोक पेट्रोलियम कम्पनीयां हर दो-चार दिन मे मनचाहे दाम बढ़ाकर आम नागरिक की जेब पर डाका डाल रही है और सरकार के मंत्रियो की जेबे भरी जा रही है। इसलिये सरकार भी कम्पनीयो पर अंकुश लगाने से हिचकिचां रही है। ऐसे में आगामी चुनाव मे कांग्रेस को इसका खामीयाजा भुगतना ही पड़ेगा।