अजमेर। कहते है इंसान को भगवान बनाता है, बात सही भी है लेकिन, भगवान ने कुछ ऐसे इंसान भी बनाये है जो भगवान को बनाने का दम रखते है। यह बात अलग है कि ये वो लोग है जिनके पेरों तले जमींन और सर के ऊपर आसमान तो है लेकिन रहने को घर नहीं, इसे हाथ का हुनर ही कहा जायेगा कि पैरोंतले रोंन्दी जाने वाली मिट्टी जब आकार लेती है तो साकार भगवान का रूप ले लेती है। 9 सितम्बर सोमवार को पूरे देश भर में गणेश चतुर्थी का पर्व बडे श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाएगा। मुंबईया संस्कृति की तरह अब अजमेर मे भी विशालकाय गणेश प्रतिमाओ की स्थापना की जाने लगी है। शहर में दूसरे राज्यो से आकर गणेश की आदमकद मूर्तियां बनाने वाले कारीगर महिनो पहले ही आनासागर चौपाटी और गौरव पथ के आसपास डेरा डाल देते है। स्वामी न्यूज की टीम ने जब इन मूर्तिकारो से बातचीत की तो उनका कहना था कि बढती मंहगाई और कच्चे माल की कमी से मूर्ति के दामो में लगातार बढ़ोत्तरी हुई है। पहले की अपेक्षा अब मूर्तियां कम ही बनती है। घरो में लोग छोटी मूर्तियां खरीद कर स्थापित करते है। 2 हजार से 15 हजार तक की गणेश प्रतिमाओ को बनाकर रंगरोगन कर उन्हें अंतिम रूप दिया जा रहा है। फिलहाल खरीद्दारो का रूख कमजोर है। एक दो दिन में खरीद्दारों की आवक होने से मूर्तिकारो को अच्छी आमद होेने की आशा है।