गंज स्थित राजकीय आचार्य संस्कृत महाविद्यालय में शिक्षक दिवस मनाया गया जिसमें कार्यक्रम के संचालक संजू शर्मा व जितेन्द्र साॅखला द्वारा सभी छात्र-छात्राओं के साथ सभी शिक्षकों को शिल्ड प्रदान कर सम्बोधित किया गया। कार्यक्रम वक्ता संजू शर्मा ने गुरू की महत्वता बताते हुए कहा की यह समाज एक बड़े परिवार की तरह है जहां कई धर्म और जाति के लोग एक साथ मिलकर रहते हैं लेकिन समाज को को बनाने का काम करते हैं। समाज के शिल्पकार यानि शिक्षक. शिक्षक समाज के ऐसे शिल्पकार होते हैं जो बिना किसी मोह के इस समाज को सजाते हैं, शिक्षकों की महत्ता को सही स्थान दिलाने के लिए ही हमारे देश में सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने पुरजोर कोशिशें की जो खुद एक बेहतरीन शिक्षक थें। शिक्षक वह नहीं जो छात्र के दिमाग में तथ्यों को जबरन ठूंसे, बल्कि वास्तविक शिक्षक तो वह है जो उसे आने वाले कल की चुनौतियों के लिए तैयार करें। तत्त पश्चात विद्यार्थी परिषद के कार्यकत्र्ता गोविन्द शरण ने शिक्षक को परिभाषित करते हुए कहां कि शिक्षक शि – शिष्टाचार, क्ष क्षमाशीलता क- कर्तव्य निष्ठा ये सभी गुण शिक्षक में विद्यमान होते हैं। कार्यक्रम में अध्यक्ष कमल किशोर गौड़, भूतपूर्व संयुक्त सचिव लोकेश शर्मा, कक्षा प्रतिनिधि मधु, योगिता, करण दाधिच इत्यादि मौजूद थे।
