
दौड़ हेतु अभ्यास
दौड़ में भाग लेने के इच्छुक उत्साही युवा बड़ी संख्या में पटेल मैदान, आजार पार्क, दयानन्द कॉलेज, राजकीय महाविद्यालय के मैदानों में सुबह-शाम अभ्यास हेतु आ रहे है। इनमें विद्यालय विद्यार्थियों का उत्साह देखते, ही बन रहा है।
11 सितम्बर का महत्व
स्वामी विवेकानन्द ने 11 सितम्बर, 1893 को ही शिकागो में विश्व धर्म सम्मेलन में अपने प्रभावी प्रस्तुतिकरण से भारतीय संस्कृति को विश्व का समक्ष पुनर्स्थापित किया था। इसी के साथ प्रारम्भ हुई पश्चिमी देशों की अपनी यात्रा के द्वारा अपनी मातृभूमि को उसका स्वाभिमान, सम्मान और उद्देश्य पुनः प्रदान किया।
दौड़ का उद्देश्य ‘‘भारत जागो’’
आज भारत सबसे प्राचीन सम्भ्यता के साथ अधिकतम युवा जनसंख्या वाला देश है। भारत का युवा सुशिक्षित, ज्ञान सम्पन्न एवं गम्भीर है। वो अपने देश, अपना इतिहास तथा अपनी संस्कृति के बारे में अधिक से अधिक जानना चाहता है और सम्पूर्ण हृदयों को आन्दोलित किया और वे भारत के स्वतन्त्रता संग्राम में शामिल हो गए। आज युवा पुनः उड़ान भरने की राह देख रहा है। ऐसे में स्वामी विवेकानन्द का सन्देश उसे नई ऊँचाई प्राप्त करने हेतु सदैव प्रेरणा प्रदान करेगा।
विवेकानन्द सार्ध शती समारोह समिति युवाओं का आह्वान करती है कि आगामी 11 सितम्बर को पटेल मैदान में शाम 5 बजे इस दौड़ में भाग लेकर स्वामी जी के सपनों को साकार करें।
(उमरदान)
संयोजक