केकड़ी। जलझूलनी एकादशी के अवसर पर शहर में रविवार को विभिन्न मन्दिरों से रेवाडियां निकाल ठाकुरजी को बडे तालाब में जल विहार कराया गया। इस अवसर पर तालाब के घाट पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। शहर में तिवाड़ी मोहल्ला स्थित रघुनाथ मन्दिर, अस्थल मोहल्ला स्थित रघुनाथ मन्दिर, खाईगढ़ स्थित सीताराम मन्दिर, लोढ़ा चौक स्थित बोहराजी मन्दिर, सरसड़ी गेट स्थित गोपाल जी मन्दिर, पुरानी केकड़ी स्थित चारभुजा मन्दिर, कुंज मन्दिर सहित नगर के अन्य मन्दिरों से ठाकुरजी को विमान में बिठाकर बैण्ड बाजों के साथ जल विहार के लिए लाया गया। इस अवसर पर भजन मण्डलियों द्वारा ठाकुरजी को रिझाने के लिये भजन कीर्तन कर माहौल को धर्ममय बना दिया। रेवाडियों को वापस मन्दिर ले जाने से पूर्व आरती कर प्रसाद वितरण किया गया।
सफाई नहीं होने से रोष-
जलझूलनी एकादशी के अवसर पर केकड़ी में बड़े तालाब के किनारे बने घाटों पर विभिन्न मंदिरों से लाए गए विमानों को जल विहार कराया जाता है। प्रशासन द्वारा तालाब की समय-समय पर सफाई नहीं करवाने के कारण किनारे पर गन्दगी फैली पड़ी थी। गंदगी को देख कर श्रद्धालुओं में रोष व्याप्त हो गया।
भागवत हैं कल्पवृक्ष, इसके स्मरण से जो मांगो मिल जाता है
गीता भवन में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन स्वामी जगदीशपुरी महाराज ने बताया कि भागवत ज्ञान, भक्ति और वैराग्य का संगम है। यह वो कल्पवृक्ष है जिससे श्रद्धा और विश्वास के साथ श्रवण करने पर जो मांगते हैं, मिल जाता नियमों के साथ कथा श्रवण से मनोकामना पूर्ण होती है, पापी पुण्यात्माएं बन जातीं हैं। उन्होंने कहा कि जब राम की कृपा होती है तब जीवन में संत दरस होता है और जब संतों की कृपा होती है तो जीवन में कृष्ण के दर्शन हो जाते हैं। जब सूर्य उदय होता है तो सारा अंधेरा खत्म हो जाता है, लेकिन फिर भी सूर्य का प्रकाश सब जगह नहीं पहुंच पाता है। लेकिन ज्ञान के सूर्य से कोई भी जगह वंचित नहीं है। यह करोड़ों सूर्य के समान प्रकाशित होता रहता है। जिस- जिस पर ज्ञान का प्रकाश पड़ता है वह धन्य हो जाता है, कृष्णमय हो जाता है। जरूरत से ज्यादा इच्छा रखना हमेशा बुरा होता है। इच्छाएं अपार होती हैं, ये कभी खत्म नहीं होती। परमात्मा सारी जरूरतें पूरी करता है, कामना कभी किसी की पूरी नहीं होती। संतों के चरणों में आकर अपना मद व अहंकार भूल कर गोविंद के हो जाओ, बेड़ा पार हो जाएगा। उन्होंने कहा कि आजकल वस्त्र, आभूषण किराए पर मिल जाते हैं, गाडियां, मकान किराए पर मिल जाते हैं। आजकल तो मा बाप व बच्चे भी किराए पर मिल जाते हैं। सब कुछ किराए पर मिल जाएगा लेकिन न तो परमात्मा किराए पर मिलेगा, न गुरु, न भक्ति, न परमात्मा। जिस दिन यह जान लेंगे जीवन का कल्याण हो जाएगा। कल्याण के लिए तुम्हें कर्म करना होगा, ईश्वर की भक्ति करनी होगी। प्रभु के नाम का दान करो, प्रभु की कथा का पान करो, उसकी माधुर्य छवि का ध्यान करो। कृष्ण ही परम सत्य है। कथा के प्रचार प्रमुख सुरेन्द्र जोशी ने बताया कि सोमवार को दोपहर कथा स्थल पर भगवान श्री कृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जायेगा। इस अवसर पर शाम को गीता भवन में उपस्थित सभी श्रद्वालु महिला पुरूषो द्वारा भगवान श्री $कृ ष्ण की महा आरती की जायेगी।
संस्कारित बालिकाओ को मिला सम्मान –
रविवार को चौथे दिन की कथा सम्पन्न होने के बाद जगदीशपुरी महाराज के चातुर्मास के दौरान ईशावास्य उपनिषद के श्लोक याद करके सुनाने के लिये आयोजित की गई प्रतियोगिता में सभी अठठारह शखोक मुखजुबानी याद करके सुनाने वाली दो संस्कारित बालिकाओ शोभना जेतवाल व कविता जेतवाल को सुरस्कार स्वरूप नकद राशि भेंट कर सम्मानित किया गया।
-पीयूष राठी