अजमेर। श्रृाद्धपक्ष के दौरान सावन की तरह झुमते बादलो ने पिछले 24 घंटो में अजमेर को इस कदर जलमग्न कर दिया की लेाग तौबा करने लग गए। 15 फीट की अपनी भराव क्षमता को छुने चले आनासागर झील का नजारा चाहे भले की पर्यटक और शहरवासी देख रहे हो लेकिन इस बारिश ने जिस तरह से गरिब और मुफलीसो को बेघर किया है उसे भुलाया नहीं जा सकता। शहर की कर्इ निचली बस्तीयों में बीना रूके बरस रहे पानी से कर्इ मकान क्षतिग्रस्त हुए है वहीं सर्किट हाउस की दीवार ढह गर्इ। आनासागर का जलस्तर 15 फीट से पार होने को है। जिसके चलते आनासागर की चादर चलना शुरू हो गर्इ। इस नजारे को देखने आनासागर पर भारी संख्या में स्थानीय लोग और पर्यटक पहुंचे। कुछ युवाओं ने बताया कि उन्होने अपनी जिदंगी मे इससे पहले कभी भी आनासागर को इस तरह छलकते हुये नही देखा। यह नजारा वाकर्इ अदभूत और विस्मयकारी है। शहर मे पिछले दो दिनो से हो रही छितरार्इ बारिश से आनासागर, फार्इसागर और पुष्कर सहित बीसलपूर का भी जलस्तर बढ़ा है। वहीं ज्यादा बारिश आना भी आनासागार के लिये खतरे का सबब बन सकता है। अभी फिलहाल चैनल गेट के उपर से पानी ओवरफ्लो हो रहा है। वहीं आनासागर झील में तेज हवायें सागर जैसी हिलोरे पैदा कर रही है।
लम्बे इंतजार के बाद जब नाग पहाड़ की जटाओं से पानी निकल कर पुष्कर सरोवर में आकर मिला तो हर चेहरे पर मुस्कान थी। मानसून के बाद आर्इ इस बारिश में लगभग 5 फीट पानी की आवक से सरोवर अपने मुलस्वरूप में लौट आया। इससे आने वाले अन्तर्राष्ट्रीय कार्तिक मेले में प्रशासन को भी राहत की सांस मिलेगी। पुष्कर फीडर, खरेकडी फीडर और सावित्री फीडर से जल धाराएं पुष्कर में आकर मिली तो सैंकडो की संख्या में लोग हार्इलेवल बि्रज पर इस नजारे को देखने के लिए जमा हो गए । पुराहितो ने अपनी खुशी का इजहार करते हुए कहा की श्रृाद्धपक्ष में बारिश आना पित्रकृपा है और पुर्वजो ने खुश हो कर लोगो को ये सोगात भेंट की है।