भारत की अखण्डता को खतरा, धारा 370 पर हुआ व्याख्यान

dhara370-2अजमेर। शास्त्री नगर विकास समिति द्वारा बुधवार शाम लाल बहादूर शास्त्री सामुदायिक भवन, शास्त्री नगर में एक व्याख्यान कार्यक्रम ‘‘भारत की अखण्डता को खतरा – धारा 370’’ विषय पर आयोजित किया। व्याखानमाला को संबोधित करते हुये मुख्यवक्ता सांसद अर्जुन मेघवाल ने कहा कि 17 अक्टूबर 1949 को धारा 370 का प्रस्ताव सदन में रखा गया था। उस समय इसका विरोध डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने किया कि यह धारा देश की अखण्डता और एकता के लिए ठीक नहीं है। साथ ही श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने भी विरोध जताया था। जम्मू कशमीर हमारा सिरमौर है जब यह सुरक्षित नहीं रहता है तो हमारे शरीर की क्या स्थिति होगी। भारत की अखण्डता को खतरा पैदा कर रही धारा 370 अब जम्मू-कश्मीर के साथ साथ देश के लिए तकलीफदेय हो गई है। उन्होने कहा कि संसद की स्टेंडिग कमेटी का सदस्य होने के नाते वे विधान परिषद के गठन की मंजूरी के लिए प्रयासरत है। इसी के लिए 4 अक्टूबर को चैन्नई में और 9 और 10 को जयपुर में स्टेंडिग कमेटी सामाजिक संगठनो, पार्षदो, वकीलो और बुद्धिजीवीयो से चर्चा करेगी। सभी से सुझाव लेकर ही धारा 370 को ससंद के पटल पर रखकर हटवाने का प्रयास किया जाएगा। क्योंकि धारा 370 ना तो जम्मू-कश्मीर के लिए हितकारी और ना ही देश की एकता और अखण्डता के लिए है। उन्होनें कशमीर में अपने व्यक्तिगत अनुभव भी साझा किये और बताया कि वहां के नागरिक भी धारा 370 को हटाने के पक्ष में है। उन्होने इस धारा से जुडे हुए कई महत्वपूर्ण तथ्यों को भी साझा किया। उन्होने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आने के पश्चात इस धारा को हटाने के लिए कटिबद्ध है।

dhara370कार्यक्रम में बडी संख्या में युवक-युवतीयों और महिलाओं ने भी भागीदारी निभायी। इस अवसर पर विशिष्ट अथिति के रूप में राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के विभाग कार्यवाह मोहन खण्डेलवाल ने भी धारा 370 की अप्रासंगिकता पर अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम के संयोजक आनन्द सिंह राजावत ने कार्यक्रम की रचना के संबध में जानकारी दी एवं समिति के अध्यक्ष सम्मान सिहं बडगुर्जर ने सभी का आभार प्रकट किया। कार्यक्रम का संचालन सुभाष दत्त शर्मा ने किया।

error: Content is protected !!