ट्रक पलटने से मां सहित दो मासूमों की हुई मौत

20-10-13केकड़ी। केकड़ी-सावर मार्ग पर शनिवार देर रात ग्राम पारा के निकट अनियंत्रित ट्रक पलटने से एक महिला व दो बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई। दुर्घटना में ट्रक में सवार दो अन्य लोग भी घायल हो गए। घायलों में से एक युवक को केकड़ी चिकित्सालय में प्राथमिक उपचार के बाद अजमेर रेफर कर दिया गया। इसके साथ ही मृतकों के शवों का रविवार सुबह पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया।
शनिवार रात्रि को शाहपुरा-भीलवाड़ा निवासी सलीम (४०) व स8ाार (२५) तथा उसकी पत्नी शाहिदा (२४) व पुत्र करण (४) एवं राहुल (३) नसीराबाद बाइपास से ट्रक में सवार होकर अपने ससुराल बूंदी जिलान्तर्गत तालेड़ा जा रहे थे। केकड़ी-सावर मार्ग पर ग्राम पारा के निकट लोहे की पटरियों से भरा ट्रक अनियंत्रित होकर पलट गया। दुर्घटना में ट्रक में सवार महिला व दोनों बच्चे ट्रक के नीचे दब गए। सूचना मिलने पर केकड़ी पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और के्रन व ग्रामीणों की सहायता से ट्रक के नीचे दबे घायलों व मृतकों को बाहर निकलवा कर १०८ एम्बूलेंस की सहायता से केकड़ी चिकित्सालय पहुंचाया। हादसे में शाहिदा, करण व राहुल की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। दुर्घटना में घायल हुए सलीम को प्राथमिक उपचार के बाद अजमेर रेफर कर दिया गया। मृतकों के शवों का रविवार सुबह पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया। वहीं घटना के बाद ट्रक चालक व 1लीनर मौके से भाग छूटे।
शवों को रखने को लेकर माथापच्ची –
शनिवार देर रात हुए हादसे में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी जिनके शवों को अजमेर रोड़ पर स्थित नवनिर्मित चिकित्सालय भवन पहुंचाया गया। नवनिर्मित चिकित्सालयमें सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त नहीं हैं जिसके चलते शवों को कहां रखा जाये इसको लेकर काफी देर तक माथापच्ची चलती रही। चिकित्सकों के सामने समस्या ये आई कि शवों को मोर्चरी में नहीं रखवाया जा सकता 1यों कि शहर के कचहरी परिसर में स्थित मोर्चरी के हालात यह हैं कि वहां आवारा जानवरों का डेरा हैं जिसके चलते एक सुरक्षा का डर हमैशा बना रहता हैं। काफी देर माथापच्ची के बाद शवों को पुराने चिकित्सालय भवन में रखवाया गया।

धर्म जोड़ता है, तोड़ता नहीं-बहन आशा
20-10-13 - NIRANKARI - 2संतो और धर्म ने हमेशा आपस में मनुष्य को जोडऩे का कार्य किया है, तोडऩे का काम अवसरवादी इंसान करते है। ये उदगार बहन आशा ने अजमेर रोड़ पर स्थित संत निरकांरी सत्संग भवन में आयोजित सत्संग के दौरान व्यक्त किए।
निरंकारी मण्डल प्रवक्ता रामचन्द्र टहलानी ने बताया कि सत्संग में बहन आशा ने कहा कि आज इंसान दुनिया की चकाचौंध में खोकर अपनी चाल चल रहा है इसलिए दुखी हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रभु परमात्मा हर पल इंसान की चाहत पूरी कर रहे होते है पर इंसान उसका धन्यवाद अदा नहीं करता है, लंकापति रावण अतिज्ञानी था पर झूठ का सहारा लिया तो आज भी उसके पुतले हर वर्ष जलाए जाते है प्रभु परमात्मा ने कान परमात्मा की महिमा सुनने के लिए, पैर सत्संग में जाने के लिए, हाथ सेवा करने के लिए और जुबान गुणगान करने के लिए दी है पर इंसान इसके विपरीत चाल चल रहा है इसलिए बार-बार जन्मना, बार-बार मरना इस बन्दे की रीत बन गई है अगर हम मानव है तो मानव जैसा व्यवहार करें। जहर न उगले सदा मीठा बालें, किसी पर ताना ना कसे, सद्व्यवहार करें, श्रद्धा, प्यार, नम्रता से प्रभु परमात्मा के श्री चरणों में शीश झुका कर हर पल प्रभु परमात्मा का शुक्रिया अदा करेंं। अपने गुनाहों के लिए क्षमा मांगें तो ही मानव जीवन सार्थक है। सत्संग के दौरान प्रेम जेठवानी, प्रीती, रतनचंद रंगवानी, रामचन्द टहलानी, चेतन भगतानी, रेखा, हर्षा रंगवानी, अन्जू, दीपा रंगवानी, संगीता टहलानी, टोपनदास ने गीत व विचार प्रस्तुत किए। संचालन ब्रांचमुखि अशोक रंगवानी ने किया।
-पीयूष राठी

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