पुष्कर मेले से पूर्व अव्यवस्थाओ का बोलबाला

pushkar01अजमेर। पुष्कर सरोवर की पवित्रता और मर्यादा बनाए रखने के लिए पालिका प्रशासन बढ चढ कर दावे कर रहा है लेकिन इन दावो की क्या हकिकत है यह सरोवर के चप्पे चप्पे पर फेली अव्यवस्थाएं खुद व्यक्त कर रही है। अन्र्तराष्ट्रीय कार्तिक मेले का काउंटडाउन शुरू हो चुका है और अभी तक बजट के अभाव में ना तो वर्क आॅर्डर हुए है और ना ही काम शुरू हुआ है। यह बात अलग है कि अधिशाषी अधिकारी सीता वर्मा अभी भी यही कह रही है कि आज शाम तक समस्या का हल हो जाएगा।…
देश विदेश से आने वाले श्रृद्धालुओ को जो हालात पुष्कर सरोवर के 52 घाटो पर दिख रहे है उससे वे काफी निराश और हैरान है। मुख्य घाटो सहित सभी घाटो पर गंदगी का साम्राज्य फैला हुआ है। कुछ समय पहले ही बनी सीढियां क्षतिग्रस्त हो चुकी है। हर तरह की गंदगी यहंा पर मौजूद है। यहां तक की सरोवर के कुंडो की भी सफाई नही हो रही है। स्वामी न्यूज ने 52 घाटो की परिक्रमा कर दर्शको केा सच्चाई दिखाने की कोशिश की है। आईये देखते है सरोवर की सफाई व्यवस्था।
pushkar02वहीं सरोवर के चप्पे चप्पे पर आवारा जानवरो का जमावडा लगा हुआ है जिससे हर पल हादसे की संभावना बनी रहती है। इस कमी पर भी पर्दा डालते हुए अधिशाषी अधिकारी ने बताया की खाद्य साम्रगी की वजह से आवारा जानवर आते है। इनकी रोकथाम के लिए प्रशासन को अवगत कराया गया है। शायद उनकेा यह भी जानकारी नही की पूर्व में ही पालिका ने खाद्य सामग्री बैचने पर पाबंदी लगा रखी है।
जब पालिका प्रशासन सुरक्षा के मामले मे ही गंभीर नही है तो फिर अन्य व्यवस्थाओ के दुरूस्त होने की अपेक्षा करना बेकार है। अभी एक महिना भी नही हुआ जब दो स्कूली छात्र पालिका प्रशासन की लापरवाही के चलते काल के ग्रास बन गए थे, लेकिन इसके बाद जो डेमेज कंट्रोल करने के लिए कदम उठाए गए उनकी हकिकत भी लोगो के सामने है। इस मामले में क्या दावे अधिशाषी अधिकारी कर रही है और यह कदम कितने कारगर सिद्ध हो रहे है।
देश के कोने कोने से आने वाले श्रृद्धालुओ के आराम के लिए पालिका प्रशासन ने जो विश्राम स्थलिया बना रखी है वे या तो कबाड में बदल चुकी है या वहां पर अघोषित कचरा डिपो बन चुका है। बाजारो में अस्थाई अतिक्रमण और अवैध वाहनो की वजह से जंगल राज बना हुआ है, लेकिन यहां पर भी पालिका प्रशासन अपनी पीठ थपथपा रहा है और पुलिस के भरोसे व्यवस्था सुधरने का इंतजार कर रहा है।
इन सब परिस्थितियो के बीच आस्था का दामन थामे पुष्कर आने वाले श्रृद्धालु क्या संदेश लेकर जांएगे, कैसे उनकी सुरक्षा होगी और कैसे पुष्कर मेला भरेगा देखने की बात है।

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