-पीयूष राठी- केकड़ी। केकड़ी शहर में रोशनी का पर्व दीपावली हषोल्लास व उमंग के साथ मनाया गया। शहरवासियों ने अपने-अपने प्रतिष्ठानों व घरों में मां लक्ष्मी की पूजा की गई व दीप जलाकर घरों व प्रतिष्ठानों को रोशन किया गया। इस अवसर पर शहर के हृदयस्थल घण्टाघर को भी नगरपालिका प्रशासन द्वारा चमचमाती हुई विद्युत लाईटों से सजाया गया जो सभी के आकर्षण का केन्द्र रहा। इसके साथ ही रोशनी के त्योहार दीपावली के अगले दिन खतरनाक पटाखों का तांडव देर रात तक जारी रहा। हुड़दंगियों ने शहर में जमकर हुडदंगबाजी करते हुए कानून व्यवस्था की खुलेआम धज्जियां उडाई। शहर में खतरनाक पटाखों का यह खेल वर्षों पुराना हैं जिसके आगे प्रशासन भी बेबस नजर आया। प्रशासन ने खतरनाक पटाखे फैंकने पर पूर्ण तया पाबंदी लगाने के मकसद से शहर के प्रमुख पटाखे विक्रेताओं इन खतरनाक पटाखों को बेचने पर पूर्णतया पाबंदी लगाई थी मगर इसका असर हुडदंगियों पर कहीं भी देखने को नहीं मिला। हुडदंगी बड़ी संख्या में इन खतरनाक पटाखों से लेस होकर केकड़ी की सड़कों पर निकल पड़े। दोपहर बाद से शरू हुआ हुडदंग देर रात तक जारी रहा। हुडदंगियों ने घासभैरू की सवारी निकाले जाने के दौरान भी जमकर एक दूसरे पर पटाखे फेंके।
गोवद्र्धन के दिन दोपहर में ही यह पूरा घटनाक्रम प्रारंभ हो जाता हैं। हालात यह हो जाते हैं कि शहर के घण्टाघर से खिड़की गेट तक निकलना तक मुश्किल हो जाता हैं। दोपहर बाद ही वीर चौराहे से गणेश प्याउू चौराहे तक हुडदंगी कई गुटों में बंट गये और ऐक दूसरे पर पटाखे फेंकना प्रारंभ कर दिया। हालांकि इस बार पुलिस ने इस हुडदंगियों पर नकेल कसने के मकदस से काफी सख्त रूख अपनाया जिसके चलते पिछले वर्षों की तुलना में इस बार काफी हद तक शांति बनी रही।
मगर शाम होते होते हुडदंगी अंधेरे का फायदा उठा कर एक दूसरे पर पटाखे फेंकने लगे मगर पुलिस के जवानों ने देर रात तक भी मुस्तेदी दिखाते हुए पूरे शहर में घासभैरू की सवारी के साथ साथ चले जिससे किसी भी प्रकार की कोई अनहोनी घटना घटित नहीं हुई। एक बार हालात बिगड़ जाने पर पुलिस ने लाठियां भांज कर हुड़दंगियों को वहां से खदेड़ा। इस दौरान पुलिस की लाठियों का शिकार मिडियाकर्मी को भी होना पड़ा। पुलिस के जवानों ने ताबड़ तोड़ लाठियां भांजना प्रारंभ कर दिया जिससे वहां खबर कवर कर रहे मिडियाकर्मी को भी लाठियां झेलनी पड़ गई।
रात्री करीब सवा नौ बजे घास भैरू की सवारी गणेश प्याउू से प्रारंभ हुई जिसमें चारों ओर से हुडदंगीयों ने खतरनाक पटाखे फैंके। घास भैरू के शिलाखण्ड को बेलों से खीचने की परंपरा हैं जिसके चलते ही सवारी प्रारंभ हुई जब तो बैलों द्वारा ही इसे खींचा गया परन्तु बाद में खतरनाक पटाखों से चमककर बैल भाग छुटे जिसके बाद श्रद्धालुओं ने इसे अपने हाथों से खींचा। जैसे जैसे यह सवारी आगे बढ़ी हुडदंगी भी इसके साथ हो लिये और भीड़ में एक दूसरे के उपर पटाखे फैंकते रहे।
इस पूरे घटना क्रम पर प्रशासन की नजर रहती हैं परन्तु प्रशासन भी हुडदंगियों की भीड़ के आगे बेबस नजर आता हैं। इस पूरे घटनाक्रम में अनेक लोग झुलस भी गये और अनेकों लोगों के कपड़े भी जल गये जिनमें से अनेक अस्पताल पहुंचे तो अनेकों ने अपने घरों का रूख कर लिया। रात्री 11 बजे सवारी पुन: अपने स्थान पर आकर समाप्त हुई जिसके बाद ही पुलिस व प्रशासन ने राहत की सांस ली। इस दौरान सैकड़ों की सख्या में लोगों ने सवारी में भाग लिया। इस पूरे घटनाक्रम में हर समय किसी अनहोनी घटना के घटित होने का डर बना रहा। इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लक्ष्मण दास स्वामी व उपखण्ड अधिकारी राजेन्द्र प्रसाद सारस्वत पुलिस थाने में तथा पुलिस उपअधीक्षक हरिमोहन शर्मा व केकड़ी पुलिस थाना निरीक्षक जगमोहन शर्मा घण्टाघर पर मौजूद रह कर पूरे घटनाक्रम पर निगरानी बनाये रहे।
