भाजपा में पैदा हुआ अंर्तकलह,कई हुये बागी

BJP tickitअजमेर। भाजपा द्वारा विधानसभा चुनाव के लिए टिकट की घोषणा करते ही अजमेर में सियासी माहोल गरमा गया है। एक तरफ टिकट पाने में कामयाब रहे नेताओ के घर समर्थको का तांता लगा हुआ है तो दूसरी तरफ भाजपा में बगावत के स्वर मुखर होने लगे है।
भाजपा ने अजमेर शहर कि उत्तर और दक्षिण विधानसभा सीटो से वर्त्तमान विधायको को ही एक बार फिर चुनाव मैदान में उतारने कि घोषणा की है। अजमेर उत्तर से टिकट पाने में कामयाब रहे वासुदेव देवनानी और दक्षिण से अनीता भदेल के घर टिकट कि घोषणा होते ही समर्थक जुटने लगे थे। देवनानी और भदेल दोनों ही लगातार तीसरी बार चुनाव मैदान में है।
भाजपा द्वारा अपनी पहली सूचि में देवनानी और भदेल के साथ ही नसीराबाद से पूर्व मंत्री सावरलाल जाट ,किशनगढ़ से भगीरथ चौधरी ,केकड़ी से शत्रुघन गौतम ब्यावर से शंकर सिंह रावत और पुष्कर से सुरेश रावत को उम्मीदवार बनाने कि घोषणा कि है। अजमेर जिले कि 8 विधानसभा सीटो में से मात्र मसूदा ही ऐसी सीट है जंहा से भाजपा ने अभी तक उम्मीदवार कि घोषणा नहीं कि है।
भाजपा के इस उत्साह पर अब बगावत का ग्रहण लगने के भी संकेत मिलने लगे है। अजमेर नगर परिषद् के पूर्व सभापति और भाजपा नेता सुरेन्द्र सिंह शेखावत ने अजमेर उत्तर से बगावत का झंडा बुलंद करने की घोषणा की है। वही किशनगढ़ से भाजपा के ही पूर्व नगर परिषद सभापति सुरेश टांक ने भी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने कि घोषणा कर भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है। इन सब से हट कर सभी कि निगाहें कांग्रेस कि आगामी सूचि पर भी गड़ी हुई है। अजमेर जिले में कांग्रेस अपनी पहली सूचि में किशनगढ़ ,केकड़ी और नसीराबाद से टिकटों का ऐलान कर चुकी है। शेष सभी सीटो पर घोषणा के बाद ही अजमेर में सियासी समीकरण साफ़ हो पाएंगे।

rajpoot samajकांग्रेस ओर भाजपा में टिकिट वितरण के बाद असंतोष खुलकर सामने आ रहा है। अभी तक टिकिट वितरण में अपनी बारी का इंतजार कर रहे नेताओं का सब्र टूटता जा रहा है। कही पर अपने सर्मथकों को आगे कर के तो कही पर समाज के माध्यम से आलाकमान पर अंतिम दवाब बनाने की कोशिशे जारी है।
भाजपा की बम्पर सूची में राजपूत समाज को प्रतिनिधि नहीं मिलने के बाद ज़िले के राजपूत समाज ने अपनी आगामी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। इसी कडी में बुधवार को पुष्कर के जयमल कोट मे सैकडों राजपूत सरदार इकट्ठा हुये। राजपूत सरदारों ने कांग्रेस ओर भाजपा को जमकर कोसते हुये चेतावनी दी की समाज की उपेक्षा बर्दाश्त नही की जायेगी। समाज के लोगो ने चिंता जाहिर करते हुये बताया की जिस समाज ने अपने खून से भाजपा को सींचा है वहीं पार्टी अब एसे लोगों पर विश्वास कर रही है जिन्होनें पार्टी के साथ विश्वासघात किया है। वक्ताओं ने पुष्कर, केकडी, अजमेर उतर, किश्नगढ़ मे समाज के जातिगत आकडो़ का हवाला देते हुये भाजपा नेतृत्व को एक बार फिर अपने निर्णय पर सोचने की सलाह दी है। वहीं समाज के सरदारों ने यह भी स्पष्ट कर दिया की टिकिट उनका अधिकार है कोई भीख नही है। राजपूत सरदारों ने चेताया की क्षत्रीय समाज ने जब जब निर्णायक लड़ायी लडी है तब तब परिणाम अनुकुल रहे है। समाज के लोगों ने विशेष रूप से भाजपा पर प्रहार करते हुये कहा की पार्टी ने जिस तरह से समाज के साथ विश्वासघात किया है। उससे अब पार्टी को दुष्परिणाम भुगतने के लिये तैयार रहे। हालाकि कई लोंगों का मत था कि जिले की सभी सीटों पर बगावत का बिगुल बजाया जाये। लेकिन अधिकांश लोगों ने उन्हीं सीटों पर समाज के प्रतिनिधि खडे करने का विचार रखा जिन सीटों पर समाज की स्थिति निर्णायक है। पुष्कर की बैठक में हालांकि कोई अंतिम निर्णय नहीं हो पाया लेकिन इतना तय है कि यदि भा.ज.पा. मसूदा से भी किसी गैर राजपुत को उतारती है तो समाज के पास अपने प्रतिनिधि खडे करने के सिवाय ओर कोई विकल्प नहीं होगा। गुरूवार को अजमेर के राजपुत छात्रावास में आयोजित समाज के लोगों की बैठक के बाद ही कोई अंतिम निर्णय आ पायेगा। इस मौके पर मुलसिंह शेखावत अराई, राजेन्द्र सिंह भावता, भंवर सिंह जोदा, महेन्द्र सिंह कडेल, जयसिंह राठौड़, शंकर सिंह, संगीता राठौड़ नसीराबाद, डुंगर सिंह राठौड़, अजीत सिंह चांदारून पूर्व किशनगढ विधायक जगजीत सिंह सहित कई राजपुत सरदार मौजुद थे। राजपुत समाज पुष्कर से भंवर सिंह पलाडा, किशनगढ़ से जगजीत सिंह, केकडी से पूर्व प्रधान भुपेन्द्र सिंह शक्तावत और अजमेर उत्तर से सुरेन्द्र सिंह शेखावत को मैदान में उतार सकता है।
वहीं कांग्रेंस में भी बगावत की झलक नजर आने लगी है। केन्द्रीय कम्पनी मामलात मंत्री सचिन पायलट जिस तरह से रावत उम्मीदवार को उतारने पर अडे हुए है उससे शिक्षा राज्य मंत्री और वर्तमान विधायक नसीम अख्तर ईंसाफ के समर्थकों में खासा आक्रोश है। जिसकी झलक मंगलवार को आयोजित एक बैठक में देखने को मिली। बैठक में नसीम समर्थकों ने चेतया की यदि लोकप्रिय विधायक का टिकट काटा गया तो नतिजे गंम्भीर होगें। हांलाकि भाजपा की सूची बाहर आने के बाद नसीम ने अपने समर्थकों को डांट लगाई क्योंकि भाजपा से रावत उम्मीदवार की घोषणा के बाद कांग्र्रेंस भी रावत पर दाव खेलेगी इसकी सम्भावना कम ही है। इन स्थितियों में नसीम अख्तर को एकबार फिर संजीवनी बुटी मिल सकती हैं। वहीं राजनीतिक गलियारों में पूर्व विधायक डॉ. श्री गोपाल बाहेती का नम्बर सबसे ऊपर चल रहा है। अब देखना हेागा कि कांग्रेंस अपने किस घोड़े को मैदान मे उतारेगी।

regar samajरैगर समाज ने चेतावनी दी है कि यदि अजमेर दक्षिण विधानसभा सीट से किसी रैगर समाज के नेता को टिकट नहीं दिया तो समाज निर्दलीय उम्मीदवार खड़े करेगा। समाज ने यह निर्णय उस बैठक में लिया जिस में कांग्रेस के टिकट पर नगर निगम महापौर का चुनाव जीते कमल बाकोलिया और पुष्कर से कांग्रेस कि ही नगर पालिका अध्यक्षा मंजू कुर्डिया मौजूद थी।
रैगर समाज के अजमेर जिले के प्रमुख पंच पटेलो की बैठक सुभाष नगर स्थित समाज के भीम पेलेस में आयोजित की गई थी। बैठक में रैगर समाज मे कांग्रेस के खिलाफ गुस्सा स्पष्ट नजर आया। वक्ताओ का आरोप था कि समाज परम्परागत रूप से कांग्रेस के पक्ष में मतदान करता आया है। बावजूद इस के कांग्रेस ने कभी भी अजमेर से विधानसभा चुनाव में समाज को उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिया। अजमेर नगर निगम मेयर कमल बाकोलिया और पुष्कर पालिका अध्यक्षा मंजू कुर्डिया कि मौजूदगी में समाज ने ऐलान किया कि यदि अजमेर दक्षिण से रैगर समाज के किसी नेता को कांग्रेस ने टिकट नही दिया तो इस बार निर्दलीय उम्मीदवार उतारे जायेंगे ।

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