बकरियों की जान बचाने के लिये लगाई जान की बाजी.
जीत जाँगिड़ सिवाणा– सिवाना! आज सुबह दस बजे! समुचा कस्बा थम सा गया! हर कोई स्तब्ध था! सबकी नजरे जा टिकी ऐतिहासिक दुर्ग की पहाड़ी पर! न तो कोई समारोह था और न ही कोई अन्य विशेष आयोजन! चर्चा का विषय थे तो दुर्ग की गहरी खाई में अपनी जान जोखिम में डालकर उतर रहे … Read more