हेल्थ इंश्योरेंस मंहगा, सालाना प्रीमियम बढ़ाएंगीं कंपनियां

अगर आपने किसी सरकारी कंपनी से अपना हेल्थ इंश्योरेंस करवाया हुआ है या करवाने की सोच रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए है। अब आपको अपने हेल्थ इंश्योरेंस के लिए पहले से ज्यादा प्रीमियम चुकाना पड़ेगा।

बाकी सरकारी कंपनियों से पहले इस दिशा में शुरुआत करते हुए ओरियंटल इंश्योरेंस ने कहा है कि वह सालाना प्रीमियम में 15 फीसदी की बढ़ोतरी करने वाली है और यह फैसला उसने अपने मेडिकल कॉस्ट में हो रही वृद्धि के चलते लिया है।

साथ ही, ओरियंटल इंश्योरेंस जल्द ही छह साल का वह ‘फ्रीज’पीरियड भी समाप्त करने वाली है जिसके तहत इंश्योरेंस कंपनी इस बीच (छह साल तक) प्रीमियम नहीं बढ़ा सकती थी।

मेडिक्लेम के तहत हेल्थ इंश्योरेंस प्रोवाइड करवाने वालीं बाकी सरकारी कंपनियां भी अब जल्द ही प्रीमियम बढ़ाने वाली हैं। असल में सरकार की ओर से इन कंपनियों पर प्रॉफिट खड़ा करने का दबाव है। कंपनियों का कहना है कि मेडिकल कॉस्ट पर उनका खर्च प्रीमियम के मुकाबले काफी ज्यादा हो रहा है।

ओरियंटल के एमडी और चेयरपर्सन एके सक्सेना ने बताया, ‘पिछले पांच सालों से प्रीमियम रिवाइज़ नहीं किए गए थे। अब हम नए प्रॉडक्ट्स भी बाजार में लाने वाले हैं।’ उन्होंने संकेत दिए कि प्रति व्यक्ति (इंश्योरेंस करवाने वाले) के हिसाब से औसत वृद्धि 15 फीसदी होगी जबकि ग्रुप इंश्योरेंस के लिए इससे ज्यादा भी हो सकता है।

कंपनी का कहना है कि प्रीमियम 5 साल पहले फिक्स किया गया था जोकि तब के समय के हिसाब से मुफीद था। कंपनी के एक एग्ज़ेक्युटिव का कहना है, मेडिकल कॉस्ट में बढ़ोतरी के चलते हमें यह वृद्धि करनी पड़ रही है क्योंकि कंपनी नुकसान का बिजनस नहीं करना चाहती।

सक्सेना के अनुसार, हालांकि प्रीमियम स्टैंडर्ड मेडिक्लेम के लिए बढ़ाए जा रहे हैं लेकिन कंपनी नो-फ्रिल्स हेल्थ कवर पर भी यह वृद्धि लागू करने की सोच रही है। कंपनी एग्ज़ेक्युटिव ने बताया कि हो सकता है कि प्रीमियम को लेकर कंपनी इंश्योरेंस करवाने वाले के रहने के स्थान पर भी गौर करे। यानी, भुवनेश्वर में किसी सर्जरी की कॉस्ट दिल्ली के मुकाबले काफी कम होगी। अब कंपनी इन पहलुओं पर भी विचार करने वाली है।

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