कच्चा तेल [क्रूड] एक महीने में पांच फीसद तक सस्ता हो गया है। तेल कंपनियों को पेट्रोल पर डेढ़ रुपये प्रति लीटर तक का फायदा हो रहा है। रुपया डॉलर के मुकाबले पिछले पांच महीने के सबसे मजबूत स्तर पर आ गया है। मगर जब पेट्रोल की कीमत घटाने की बारी आई तो तेल कंपनियों ने महज 56 पैसे की राहत दी है।
देश की दिग्गज तेल कंपनी इंडियन ऑयल ने सोमवार को आधी रात से पेट्रोल के घटे दाम लागू कर दिए। दिल्ली में पेट्रोल की खुदरा कीमत 68.46 पैसे प्रति लीटर से घटकर 67.90 पैसे प्रति लीटर हो गई है। मुंबई में पेट्रोल के दाम में 71 पैसे और कोलकाता में 70 पैसे की कटौती हुई है। दोनों अन्य सरकारी तेल कंपनियां हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम भी इंडियन ऑयल का अनुसरण करेंगी।
सूत्रों के मुताबिक पिछले हफ्ते पेट्रोल पंप डीलरों के कमीशन वृद्धि की वजह से भी ग्राहकों को मिलने वाली राहत में कमी हुई है। डीलरों के कमीशन में 61 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है। यह वृद्धि नहीं हुई होती तो ग्राहकों को 1.20 रुपये प्रति लीटर तक की राहत मिली होती। चूंकि कंपनियों को दामों में भारी वृद्धि के बावजूद डीजल, रसोई गैस और केरोसीन पर भारी घाटा उठाना पड़ रहा है, इसलिए उन्होंने पेट्रोल की कीमत में राहत देने में थोड़ी कंजूसी बरती है।
पेट्रोलियम मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि एक महीने पहले अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 113.97 डॉलर प्रति बैरल थी। आज की तारीख में यह 107.76 डॉलर प्रति बैरल के आसपास है। इस दौरान डॉलर के मुकाबले रुपया 54.50 के स्तर से मजबूत होकर करीब 52 के स्तर पर आ चुका है। बहरहाल, सूत्रों का कहना है कि अगर क्रूड इसी स्तर पर बना रहा और रुपये की स्थिति भी ठीक रही तो तेल कंपनियां इस महीने के अंत तक पेट्रोल की कीमत में थोड़ी राहत और दे सकती हैं।