देश में शादी-ब्याह के साथ-साथ दशहरा, धनतेरस एवं दीपावली जैसे त्योहारों पर सोने की खरीद को सबसे अधिक तरजीह दी जाती है। निवेश का सबसे सुरक्षित विकल्प होने के साथ ही सोना निवेशकों को मुद्रास्फीति से मुकाबला करने में भी मददगार साबित होता है। आमतौर पर देश में सोने के फिजिकल रूप में निवेश करने को सबसे अधिक पसंद किया जाता है। लेकिन, जबसे गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (गोल्ड ईटीएफ) का विकल्प सामने आया है और लोगों में इसके प्रति जागरूकता बढ़ी है, इस एसेट वर्ग में निवेशकों का तेजी से निवेश बढ़ा है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के मुताबिक, अगस्त 2011 से अगस्त 2012 के बीच 12 महीने की अवधि में एनएसई में गोल्ड ईटीएफ में सौदा करने वालों की संख्या में 41 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। अगस्त 2011 में ऐसे ग्राहकों की संख्या 56,000 थी और अगस्त 2012 में यह बढ़कर 79,000 पहुंच गई है। इसके साथ ही चालू वित्तवर्ष के पहले सात महीनों में गोल्ड ईटीएफ में औसतन मासिक सकल कारोबार 1,195 करोड़ रुपये रहा, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 933 करोड़ रुपये था। इस तरह, इसमें 28 फीसदी की अच्छी खासी बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
पिछले एक वर्ष में गोल्ड ईटीएफ में निवेशकों को वार्षिक आधार पर कम से कम 11 फीसदी का रिटर्न प्राप्त हुआ है। गोल्ड ईटीएफ स्कीम संचालित करने वाली एसेट मैनेजमेंट कंपनियों द्वारा संग्रहित सोना मार्च 2011 के 19 टन से बढ़कर सितंबर 2011 में 28 टन पहुंच गया था। जून 2012 में यह बढ़कर 33 टन के स्तर पर पहुंच गया। सिर्फ 9 माह के दौरान इसमें 17 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। गोल्ड ईटीएफ के अंतर्गत एसेट अंडर मैनेजमेंट 37 फीसदी बढ़कर सितंबर 2012 में 11,198 करोड़ रुपये रही, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 8,173 करोड़ रुपये थी। फिलहाल, एनएसई में 14 एसेट मैनेजमेंट कंपनियां इस उत्पाद की पेशकश कर रही हैं।
कुछ खास विशेषताओं के चलते गोल्ड ईटीएफ दिन-ब-दिन और लोकप्रिय हो रहा है। जैसेकि, गोल्ड ईटीएफ में खुदरा निवेशकों के लिए निवेश करना संभव है। वह महज एक ग्राम की मात्रा में भी निवेश कर सकते हैं। एक किलोग्राम या उससे अधिक सोने की डिलवरी लेना भी यहां संभव है। कुछ एसेट मैनेजमेंट कंपनियां भौतिक स्वरूप में कम से कम 10 ग्राम सोना देना शुरू कर दिया है। वहीं, अनेक कंपनियां ग्राहकों को एसआईपी के जरिए निवेश की भी पेशकश कर रही हैं, जिसकी शुरुआत महज सौ रुपये से भी की जा सकती है।
इसके साथ ही, गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने से कर में लाभ मिलता है। जैसेकि, वैट एसटीटी अथवा सेल्स टैक्स गोल्ड ईटीएफ की खरीदारी पर लागू नहीं होता है। सोना में निवेश करने का यह सबसे सरल तरीका है, क्योंकि इसमें धातु स्वरूप में सोना को रखने की समस्या नहीं होती और यह शुद्ध भी होता है। मौजूदा रुझानों के मुताबिक शीर्ष 10 शहर के अलावा टियर 2 व टियर 3 शहरों में निवेशक ईटीएफ के जरिये सोना में निवेश को तरजीह दे रहे हैं।
कुछ तथ्य
– अक्षय तृतीया पर इस साल एनएसई में गोल्ड ईटीलएफ में 608 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ
– 2011 में अक्षय तृतीया पर एनएसई में 423.05 करोड़ रुपये का सौदा हुआ था
– पिछले वर्ष धनतेरस पर एक्सचेंज में गोल्ड ईटीएफ में 636.04 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ