किंगफिशर मसले पर पहली बार मैदान में उतरे माल्या

नई दिल्ली, मुश्किलों में घिरी किंगफिशर एयरलाइंस को उबारने के लिए कंपनी के चेयरमैन विजय माल्या ने अपनी तरफ से कोशिश शुरू कर दी है। इसी सिलसिले में उन्होंने मंगलवार को विमानन सचिव केएन श्रीवास्तव से मुलाकात की। माना जा रहा है कि विमानन मंत्री अजित सिंह की सख्ती की वजह से श्रीवास्तव की ओर से उन्हें बहुत ज्यादा राहत नहीं मिली है। कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से तालाबंदी की घोषणा और डीजीसीए द्वारा लाइसेंस निलंबित किए जाने के बाद एयरलाइंस का परिचालन दोबारा शुरू कराने को लेकर माल्या प्रत्यक्ष रूप से पहली बार सामने आए हैं। अब तक किंगफिशर के सीईओ संजय अग्रवाल ही इस काम में लगे हुए थे।

दरअसल, डीजीसीए ने किंगफिशर को स्पष्ट रूप से कह दिया है कि परिचालन शुरू करने को लेकर पहले वह हवाई अड्डा संचालकों, तेल कंपनियों, रखरखाव ऑपरेटरों सहित तमाम संबंधित पक्षों की सहमति ले। इसके बाद ही उसका लाइसेंस बहाल किया जाएगा। इन सभी का किंगफिशर पर करोड़ों रुपया बकाया है। माल्या चाहते हैं कि डीजीसीए अपने इस रुख में थोड़ी नरमी लाए। कंपनी पहले से ही वित्तीय संकट से जूझ रही है। ऐसे में अगर बकाया चुकाए बगैर उड़ानों की इजाजत नहीं मिलती है तो एयरलाइंस का परिचालन शुरू करना शायद ही संभव हो पाएगा। बिना परिचालन शुरू किए न तो विदेशी निवेश आ पाएगा और न ही कंपनी कर्मचारियों को बिठाकर वेतन दे पाएगी। सूत्रों के मुताबिक श्रीवास्तव ने भी माल्या से पहले सबका बकाया भुगतान करने को कह दिया है। दोनों की मुलाकात आधे घटे तक चली।

बैठक के बाद माल्या ने संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने विमानन सचिव को पुनरुद्धार योजना की संक्षिप्त जानकारी दी है। वैसे, एयरलाइन परिचालन दोबारा शुरू करने की विस्तृत योजना तैयार कर रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी बाधाओं को पार कर लिया जाएगा। किंगफिशर जल्द ही लाइसेंस बहाली के लिए डीजीसीए के पास आवेदन करेगी।

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