सास बहू में बढ़ी गरमी तो ठंडा पड़ेगा चूल्हा

रसोई गैस कनेक्शन देने के नए नियम उन परिवारों पर भारी पड़ेंगे जहां सास-बहू के बीच नहीं बनती। अगर एक ही छत के नीचे सास और बहू ने अपनी-अपनी रसोई अलग कर रखी है तो भी उन्हें एलपीजी के दो कनेक्शन तभी मिलेंगे, जब उनके बिजली कनेक्शन या राशन कार्ड भी अलग-अलग हो। तेल कंपनियों ने देश भर में एक ही नाम या पते पर एक से ज्यादा गैस कनेक्शन रद करने का काम तेज कर दिया है।

देश की दिग्गज तेल मार्केटिंग कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के अध्यक्ष आरएस बुटोला ने बताया, ‘एक ही छत के नीचे अब दो गैस कनेक्शन लेने के नियम बेहद कड़े कर दिए गए हैं।’ जाहिर है कि उन परिवारों को इस नए नियम से ज्यादा दिक्कत होगी जहां आपसी झगड़े की वजह से अलग-अलग खाना बनना शुरू हो जाता है। अलग हुए परिवारों को तब तक नया कनेक्शन नहीं मिलेगा, जब तक वे अलगाव के पक्के सबूत न पेश कर दें।

सरकारी तेल कंपनियों का कहना है कि देश में एक ही पते पर कई नामों से 1.49 करोड़ रसोई गैस कनेक्शन हैं। इन्हें रद किया जाना है। अभी तक 10.20 लाख कनेक्शन रद किए जा चुके हैं। अगर अन्य ग्राहकों ने अलग रसोई होने के पक्का सबूत नहीं दिए तो शेष बचे कनेक्शन भी अगले कुछ महीनों के भीतर रद कर दिए जाएंगे।

दरअसल, जब से सरकार ने एक परिवार को साल भर में सब्सिडी वाले सिर्फ छह सिलेंडर देने का फैसला किया है, तभी से तेल कंपनियां गैस कनेक्शन पर लगाम लगाने में जुट गई हैं। इस वजह से नए गैस कनेक्शन लेने में भी दिक्कत हो रही है। अभी सिर्फ गैर सब्सिडी वाले सिलेंडर के साथ ही नए गैस कनेक्शन मिल रहे हैं। सब्सिडी के रसोई गैस सिलेंडर के साथ कनेक्शन लेने वालों को एक महीने से ज्यादा इंतजार करना पड़ रहा है।

सरकार के इस फैसले की वजह से देश में वाणिज्यिक रसोई गैस की मांग में तेजी से वृद्धि हुई है। वहीं, सब्सिडी वाली गैस की मांग घटी है। दरअसल, गैस एजेंसियों के लिए घरेलू सिलेंडर की कालाबाजारी करना और उसे होटलों वगैरह में देना मुश्किल हो गया है। ऑटो एलपीजी की बिक्री भी काफी तेजी से बढ़ रही है।

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