ऊंची कीमत के कारण विफल रही 2-जी की नीलामी : सीओएआई

दूरसंचार उद्योग ने 2-जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के प्रति कंपनियों के उदासीन रवैये के लिए सरकार द्वारा तय ऊंची आरक्षित कीमत को जिम्मेदार ठहराया है।

जीएसएम कंपनियों के संगठन सीओएआई ने एक बयान में कहा है, अनेक कारणों में से एक स्पष्ट रूप से ऊंचा आरक्षित मूल्य है जिसका बाजार की वास्तविकता से कोई लेना देना नहीं था। अर्नेस्ट एंड यंग ग्लोबल के प्रशांत सिंघल ने भी नीलामी के परिणामों को इस बात का स्पष्ट संकेत बताया है कि आरक्षित मूल्य सही नहीं था।

बहुचर्चित 2-जी स्पेक्ट्रम की नीलामी आज दूसरे दिन समाप्त हो गई जिसमें मात्र 9,407 करोड़ रुपये की बोलियां प्राप्त हुईं। आधे से भी कम स्पेक्ट्रम के लिए बोलियां प्राप्त हुईं और जितनी राशि की उम्मीद की जा रही थी उससे मात्र तिहाई हिस्से की ही बोली लगी।

वहीं, वोडाफोन इंडिया ने कहा है कि उसने तो अतिरिक्त स्पेक्ट्रम पाने के लिए 2-जी नीलामी प्रक्रिया में भाग लिया था। वोडाफोन इंडिया ने 14 सर्कलों के लिए बोली पेश की थी।

error: Content is protected !!