केंद्र सरकार ने अपनी नीति में महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए ग्राहकों और अर्थव्यवस्था को राहत देने पहुंचाने वाला फैसला किया है। हालांकि इससे घरेलू खुदरा तेल बाजार में भूचाल आने की पूरी संभावना है। वित्त मंत्रालय ने पेट्रोलियम मंत्रालय से कहा है कि वह मोटर और रसोई ईधन की कीमत निर्यात कीमत के समतुल्य करे। अगर इस निर्देश को पेट्रोलियम मंत्रालय ने स्वीकार कर लिया तो ईधन की कीमतें 10 फीसद या उससे ज्यादा कम हो सकती हैं और साथ ही इससे सरकार पर 18 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी का बोझ भी कम होगा।
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