मुंबई। शेयर बाजार नियामक सेबी ने सहारा प्रमुख सुब्रत राय और समूह की दो कंपनियों की संपत्ति जब्ती का आदेश दिया है। इसके अलावा भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड [सेबी] ने बुधवार को उनके खातों पर भी रोक लगा दी। राय के अलावा दोनों कंपनियों के तीन डायरेक्टर भी इस आदेश की जद में आ गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक निवेशकों को करीब 25,000 करोड़ रुपये की रकम नहीं लौटाने पर सहारा के खिलाफ यह कड़ी कार्रवाई की गई है। कोर्ट ने इस आदेश को लागू कराने का जिम्मा सेबी पर डाला था।
ताजा कदम के तहत दोनों कंपनियों की सारी चल और अचल संपत्ति जब्त की जाएगी। साथ ही उनके खातों पर भी तत्काल प्रभाव से रोक लग गई है। इन कंपनियों से सारी नकदी और अपने नाम से बैंक बैलेंस व फिक्स्ड डिपॉजिट भी सेबी को सौंपने के लिए कहा गया है। नियामक ने बैंकों से इन खातों में जमा रकम सेबी-सहारा रिफंड में ट्रांसफर करने को कहा है। सेबी ने रिजर्व बैंक और प्रवर्तन निदेशालय को भी अपने आदेश से अवगत करा दिया है।
शीर्ष अदालत ने बीते साल अगस्त में समूह की दोनों रीयल एस्टेट कंपनियों द्वारा निवेशकों से वसूली गई यह राशि 15 फीसद ब्याज सहित वापस करने का फैसला दिया था। इन कंपनियों के नाम सहारा हाउसिंग इंवेस्टमेंट कॉरपोरेशन (एसएचआइसीएल) और सहारा इंडिया रीयल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एसआइआरईसीएल) हैं। दोनों कंपनियों ने सेबी की मंजूरी के बिना वैकल्पिक पूर्ण परिवर्तनीय डिबेंचर (ओएफसीडी) जारी किए थे। इसके जरिये एसएचआइसीएल ने 6,380 करोड़ रुपये और एसआइआरईसीएल ने 19,400 करोड़ रुपये निवेशकों से जुटाए थे।
दोनों कंपनियां यह राशि तय समय पर नहीं लौटा पाई और यह मामला लेकर फिर शीर्ष अदालत पहुंच गईं। दिसंबर में कोर्ट ने उन्हें उक्त रकम तीन किस्तों में चुकाने की मोहलत दे दी। इसकी पहली किस्त के रूप में समूह ने 5,120 करोड़ रुपये जमा भी करा दिए। दूसरी किस्त के रूप में 10,000 करोड़ रुपये जनवरी के पहले हफ्ते में जमा किए जाने थे।
अदालत ने बाकी रकम फरवरी के पहले सप्ताह में चुकाने को कहा था। दोनों कंपनियों ने तय समय पर बकाया किस्तें नहीं चुकाईं। इस पर नियामक बीते हफ्ते सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। कोर्ट ने समूह को अवमानना का नोटिस जारी करने के साथ ही सेबी को भी आदेश लागू नहीं करने के लिए लताड़ लगाई थी। इसके बाद ही नियामक ने सख्त कार्रवाई का फैसला किया।
दरअसल, सबसे पहले शेयर बाजार नियामक ने ही समूह की कंपनियों को यह रकम लौटाने का आदेश दिया था। इसके खिलाफ सहारा समूह सेबी से भिड़ गया। समूह यह लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक ले गया, जहां उसे मात खानी पड़ी।
जब्त होने वाली अन्य संपत्तियां
-उक्त दोनों कंपनियों के अलावा एंबी वैली लिमिटेड के स्वामित्व वाली जमीन [दिल्ली, गुड़गांव, मुंबई समेत देश भर में], इसी कंपनी के शेयर, म्युचुअल फंड यूनिटें, बैंक और डीमैट खाते।
-सुब्रत राय सहारा, वंदना भार्गव, रवि शंकर दुबे और अशोक रॉय चौधरी की सभी चल अचल-अचल संपत्तियां। इसके अलावा उनके बैंक और डीमैट खाते।