मुम्बई: शेयर बाजारों में आगामी सप्ताह निवेशकों की नजर इस माह के आखिर में पेश होने वाले रेल बजट, आर्थिक सर्वेक्षण तथा आम बजट पर टिकी रहेगी।
बजट सत्र 21 फरवरी को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के संयुक्त अधिवेशन को सम्बोधन के साथ शुरू हो चुका है। आगामी सप्ताह संसद में मंगलवार को रेल बजट, बुधवार को आर्थिक सर्वेक्षण तथा गुरुवार को आम बजट पेश किया जाएगा।
निवेशक बजट में उत्पाद शुल्क और सेवा कर में किसी भी बदलाव पर निगाह टिकाए रहेंगे। निवेशक यह भी देखेंगे कि सरकार निवेश के माहौल में तेजी लाने के लिए क्या कुछ करती है। निवेशक आगामी कारोबारी साल के लिए विनिवेश के लक्ष्य पर भी ध्यान देंगे।
बजट में वस्तु एवं सेवा कर को लागू करने से सम्बंधित प्रावधानों पर भी निवेशकों का ध्यान रहेगा। इन दिनों सर्वाधिक समृद्ध लोगों पर कर लगाने की भी चर्चा रही है। निवेशक इससे सम्बंधित प्रावधानों पर भी नजर रखेंगे। निवेशक यह भी देखेंगे कि सरकार महंगाई कम करने तथा रियायत का बोझ कम करने की दिशा में क्या करती है।
बजट सत्र 10 मई, 2013 को समाप्त होगा। इस बीच सत्र 22 मार्च को स्थगित कर दिया जाएगा, जो फिर से 22 अप्रैल से शुरू होगा। रेल बजट मंगलवार को लोकसभा में प्रश्न काल के बाद पेश किया जाएगा।
बजट सत्र में कई विधेयकों पर चर्चा होने और उनके पारित होने की उम्मीद है। इनमें फॉरवर्ड कॉण्ट्रैक्ट्स (रेगुलेशन) संशोधन विधेयक-2010, पेंशन फंड रेगुलेटर एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी बिल-2011, भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास विधेयक-2011, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक-2011 और बीमा कानून (संशोधन) विधेयक-2008 प्रमुख हैं।
इस माह के वायदा और विकल्प (एफ एंड ओ) खंड की परिपक्व ता अवधि गुरुवार को पूरी होने के कारण आगामी सप्ताह कुछ शेयरों में भारी उथल-पुथल हो सकती है।
एक मार्च, 2013 से वाहन और सीमेंट कम्पनियां फरवरी माह में हुई बिक्री का आंकड़ा प्रस्तुत करने लगेंगी। इस नाते इन क्षेत्रों के शेयरों पर भी निवेशकों की निगाह होगी।
मार्केट इकनॉमिक्स एक मार्च, 2012 को एचएसबीसी इंडिया मैन्यूफैक्च रिंग पीएमआई आंकड़ा प्रस्तुत करेगी, जिसमें फरवरी में देश के संयंत्रों की गतिविधियों का मूल्यांकन किया जाएगा।
सार्वजनिक कम्पनियों के विनिवेश की योजना और सरकारी तथा निजी कम्पनियों में एक निश्चित सीमा तक आम लोगों की शेयर धारिता बढ़ाने के भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के निर्देश और इसकी समय सीमा करीब आने के कारण अगले कुछ महीने में बाजार में शेयरों की आपूर्ति बढ़ सकती है। सरकार ने 31 मार्च को समाप्त होने वाले कारोबारी साल में सरकारी कम्पनियों के विनिवेश से 30 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है।
सेबी द्वारा घोषित समय सीमा के मुताबिक 13 जून तक निजी कम्पनियों को आम लोगों की शेयर धारिता बढ़ाकर न्यूनतम 25 फीसदी करनी होगी, जबकि सरकारी कम्पनियों को 13 अगस्त तक आम लोगों की शेयरधारिता बढ़ाकर न्यूनतम 10 फीसदी करनी होगी।