नई दिल्ली: आदित्य बिड़ला समूह, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एलएंडटी समेत एक दर्जन से अधिक औद्योगिक घराने और पीएफसी, एलआईसी व भारतीय डाक जैसे सार्वजनिक संस्थान बैंक लाइसेंस लेने की जुगत में हैं।
रिजर्व बैंक ने दो दिन पहले नए बैंक लाइसेंसों के लिए व्यापक दिशानिर्देशों की घोषणा करते हुए कहा कि इच्छुक इकाइयां 1 जुलाई तक आवेदन जमा कर सकती हैं। बैंकिंग क्षेत्र में उतरने को इच्छुक अन्य कंपनियों में आईएफसीआई, श्रीराम ग्रुप, रेलीगेयर, एडीए ग्रुप, श्रेई इंफ्रा, इंडिया इन्फोलाइन और इंडियाबुल्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज और टाटा समूह भी शामिल हैं। बाजार में अटकलें हैं कि ये बैंकिंग क्षेत्र में उतरने पर विचार कर रही हैं। हालांकि, इन्होंने अपनी योजनाओं पर चुप्पी साध रखी है।
पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक सतनाम सिंह ने कहा कि कंपनी निदेशक मंडल की अगली बैठक में बैंकिंग क्षेत्र में उतरने के प्रस्ताव पर मंजूरी लेगी। लार्सन एंड टुब्रो के प्रवक्ता ने कहा कि समूह नए बैंक लाइसेंस के लिए आवेदन करना चाहेगी। वहीं श्रीराम कैपिटल के चेयरमैन अरुण दुग्गल ने कहा, हम बैंकिंग क्षेत्र में उतरने और वित्तीय समावेश को प्रोत्साहन देना चाहते हैं।
आरबीआई के दिशानिर्देशों के मुताबिक, बैंक स्थापित करने के लिए न्यूनतम 500 करोड़ रुपये की चुकता पूंजी की दरकार होगी। साथ ही आवेदक कंपनी का न्यूनतम 10 साल अच्छी तरह काम करने का इतिहास होना चाहिए। आदित्य बिड़ला ग्रुप के सीईओ अजय श्रीनिवासन (वित्तीय सेवा) ने कहा, हम बैंक लाइसेंस के लिए आवेदन करना चाहेंगे।
इसी तरह, रिलायंस कैपिटल के सीईओ सैम घोष ने कहा, हम भी बैंक लाइसेंस के लिए आवेदन करना चाहेंगे। इंडियाबुल्स के निदेशक अजित मित्तल ने कहा, हमने विकल्प खुला रखा है। हम इस पर विचार करेंगे। बोर्ड उचित समय पर निर्णय करेगा। इस समय, भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के 26 और निजी क्षेत्र के 22 बैंक हैं। इनके अलावा, देश में 56 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक भी परिचालन में हैं।