नई दिल्ली: वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने वित्तवर्ष 2013-14 का आम बजट पेश करते हुए जीवन और साधारण बीमा के प्रसार के लिए बहु-स्तरीय दृष्टिकोण अपनाने का प्रस्ताव किया। उन्होंने कहा कि बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) की पूर्व अनुमति के बिना टियर दो और उससे नीचे के शहरों में बीमा कंपनियां शाखा खोल सकेंगी।
बीमा पॉलिसी लेने के लिए बैंकों का ‘अपने ग्राहक को जानो’ ही काफी होगा। बैंकों को बीमा ब्रोकर के रूप में काम करने की अनुमति दी गई है। वित्तमंत्री ने कहा कि 10,000 या उससे अधिक की आबादी के प्रत्येक कस्बे में जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का एक कार्यालय खोला जाएगा तथा वहां सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनी का कम से कम एक कार्यालय होगा।
वित्तमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना अन्य श्रेणियों मसलन रिक्शा चालक, ऑटो चालक, टैक्सी चालक, सफाई कर्मियों तथा कूड़ा बीनने वाले और खान कामगारों को भी प्रदान की जाएगी।