नई दिल्ली। वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने गुरुवार को वित्त वर्ष 2013-14 का आम बजट पेश किया। यह बजट मध्यम वर्ग खासकर युवाओं के बजट को बिगाड़ने वाला है। चूंकि दिल्ली मध्यम वर्ग का सबसे बड़ा शहर है और इसलिए बजट का सबसे ज्यादा बोझ इसी पर पड़ने वाला है।
देश में 25 वर्ष के कम आयु की 50 फीसद आबादी है और चिदंबरम के आम बजट में इन युवाओं को सबसे ज्यादा परेशानी होनी वाली है। दिल्ली में रेस्तरांओं में जाने वालों युवा वर्ग की अच्छी खासी संख्या है। सरकार ने अब बिना बार वाले वातानुकूलित रेस्तरांओं पर सर्विस टैक्स लगाकर खाना खाना महंगा कर दिया। वहीं कॉफी कैफेडे, बरिस्ता, मैकडोनाल्ड में कॉफी पीना भी युवाओं के जेब पर भारी पड़ने वाला है।
विदेशी गाड़ी, बाइक आदि महंगा होना युवाओं के लिए भारी पर सकता है। दिल्ली में चार करोड़, 20 लाख से ज्यादा मोबाइल फोन हैं। दो हजार रुपये से कम दाम के मोबाइल खरीदने वाले कम ही लोग हैं। ऐसे में शहर के युवाओं को निराशा होगी।
हालांकि चमड़े का सामान, रेडिमेड कपड़े और सूती कपड़े सस्ते होने से युवाओं को थोड़ी राहत जरूर मिल सकती है। जहां तक नौकरीपेशा लोगों की बात है उन्हें भी कोई राहत नहीं मिली है। इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव न कर सरकार ने एक बड़े वर्ग को निराश किया है। वैसे दो से पांच लाख तक की कमाई वाले लोगों को सरकार ने दो हजार रुपये की छूट का झुनझुना जरूर थमाया है।
आर्थिक विशेषज्ञों को मानना है कि इस बजट से महंगाई कम होने के बजाय बढ़ेगी और इसकी तपिश दिल्लीवासियों को झेलना पड़ेगा।
दिल्ली में चलती बस में गैंगरेप की घटना के बाद महिलाओं की सुरक्षा को लेकर उठे सवाल पर सरकार बजट में सजग दिखाई दी। उसने महिलाओं को रिझाने के लिए अलग से बैंक बनाने, दिल्ली में मेट्रो में महिलाओं के लिए अलग से कोच लगाने, महिलाओं के लिए स्पेशल बसें चलवाने की घोषणा की है।
इसके साथ ही बजट में दिल्ली पुलिस की दशा सुधारने के लिए और उसके आधुनिकीकरण के लिए अलग से आवंटन किए गए हैं।
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