नई दिल्ली। मध्य वर्ग को अगर इस बजट ने राहत नहीं दी है तो उसे सताया भी नहीं है। आयकर की दरों और स्लैब में कोई छूट तो वित्त मंत्री ने नहीं दी है लेकिन पांच लाख रुपये तक की आय वर्ग वालों को दो हजार रुपये का टैक्स क्रेडिट समेत दूसरी सुविधाएं देकर उनकी नाराजगी दूर करने की कोशिश की है। राजीव गांधी इक्विटी स्कीम का दायरा बढ़ाने के साथ साथ विदेशों से ज्यादा कीमत का सामान लाने की इजाजत से इस वर्ग को कुछ राहत मिली है।
चिदंबरम ने अपने बजट में मध्य आय वर्ग को अलग अलग घोषणाओं से साधने की कोशिश की है। पहली बार 25 लाख रुपये तक के होम लोन पर एक लाख रुपये की अतिरिक्त ब्याज कटौती का लाभ देकर वित्त मंत्री ने आयकर में राहत नहीं देने की भरपाई करने की कोशिश की है। वित्त मंत्री ने माना है कि इस प्रस्ताव से 1.8 करोड़ करदाताओं को करीब 3600 करोड़ रुपये का फायदा होगा। यह राहत 2013-14 में लिए गए लोन पर 2014-15 में मिलेगी, जो कि डेढ़ लाख रुपये की मौजूदा ब्याज कटौती के अतिरिक्त होगी। इसके अलावा राजीव गांधी इक्विटी बचत स्कीम की समयसीमा बढ़ाकर एक साल से तीन साल कर दी। आय सीमा को भी बढ़ाकर वित्त मंत्री ने दस लाख से बारह लाख रुपये कर दिया है।
सोने के प्रति ललक को कम करने की दिशा में वित्त मंत्री इसे महंगा करने के हक में रहे हैं। लेकिन विदेशों से आभूषण लाने की शुल्क मुक्त सीमा को बढ़ाकर इसकी भरपाई करने की कोशिश की है। सोने की कीमत बढ़ने को कारण बताते हुए वित्त मंत्री ने पुरुष यात्रियों को 50,000 रुपये और महिला यात्रियों को एक लाख रुपये तक के शुल्क मुक्त आभूषण लाने की इजाजत दी है।
इसके अलावा मध्य वर्ग के लिए आवास की उपलब्धता बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री ने शहरी आवास के लिए एक अलग से कोष बनाने का एलान किया है। साथ ही लोगों की सहूलियत के लिए मार्च 2014 तक सभी बैंकिंग शाखाओं में एटीएम लगाने का आश्वासन दिया है। वित्त मंत्री ने अपने बजट में उत्पाद शुल्क की दरों में भी बहुत अधिक फेरबदल नहीं किया है। सिर्फ दो हजार रुपये से अधिक की कीमत वाले मोबाइल हैंडसेट पर उत्पाद शुल्क बढ़ाया है, जिसके चलते इन हैंडसेट की घरेलू बाजार में कीमत बढ़ जाएगी। कुछ असर घर बनाने वाले मध्यम वर्गीय परिवारों को मार्बल महंगा पड़ने की वजह से पड़ेगा। इसके चलते रियल एस्टेट कंपनियां भी आवास की कीमत बढ़ा सकती हैं।