नई दिल्ली। संचार मंत्री कपिल सिब्बल ने भारती एयरटेल का लाइसेंस रद करने के बजाए उस पर 350 करोड़ रुपये जुर्माना लगाने को मंजूरी दे दी है। यह जुर्माना सर्किल से बाहर थ्रीजी सेवाएं देने के लिए दूसरे ऑपरेटरों से समझौता करने की वजह से लगाया गया है।
दूरसंचार विभाग [डॉट] की एक समिति ने कंपनी पर सात लाइसेंसों पर 50 करोड़ रुपये प्रति लाइसेंस के हिसाब से जुर्माना लगाने की सिफारिश की थी। सूत्रों के मुताबिक, समिति ने थ्रीजी सेवा प्रावधानों का उल्लंघन करने के कारण कंपनी को अधिकतम सजा लाइसेंस रद करने की बजाय 350 करोड़ रुपये जुर्माने में ही छोड़ दिया। सिब्बल ने 27 फरवरी को समिति की सिफारिशों को मंजूरी दी। एयरटेल ने 2010 में नीलामी के जरिये 22 में से 13 टेलीकॉम सर्किल के लिए थ्रीजी स्पेक्ट्रम हासिल किए थे। इसके बाद कंपनी ने दूसरे सर्किलों में स्पेक्ट्रम जीतने वाली कंपनियों से आपसी समझौता कर लिया। डॉट ने इसे अवैध ठहराया था। डॉट ने इस संबंध में एयरटेल समेत सभी टेलीकॉम कंपनियों को नोटिस भेजा। सभी कंपनियां इस निर्णय के खिलाफ टीडीसैट चली गई थीं।