पावर ग्रिड काटेगा यूपी की बिजली

powergirdनई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में बिजली का संकट आने वाले दिनों में गहराने के आसार हैं। पावर ग्रिड ने राज्य सरकार को नोटिस दिया है कि अगर उसके 612 करोड़ रुपये के बकाये का भुगतान नहीं हुआ तो सात मार्च से राज्य को 800 मेगावाट बिजली की आपूर्ति रोक दी जाएगी। प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में चरणबद्ध तरीके से बिजली की आपूर्ति काटी जा सकती है।

सरकारी कंपनी पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ने पिछले हफ्ते उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) को नोटिस भेजा है। इसमें कहा गया है कि यूपीपीसीएल पर 612 करोड़ रुपये का बकाया है। इसमें से 410 करोड़ रुपये का भुगतान दो महीने से नहीं किया गया है। निगम को 102 करोड़ रुपये का आशय पत्र भी जारी करना था, लेकिन वह भी नहीं किया गया है। बकाया भुगतान से संबंधित विवाद को खत्म करने के लिए केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने पावर ग्रिड व यूपीपीसीएल के बीच मध्यस्थता करने की भी कोशिश की थी, लेकिन बात नहीं बनी।

यूपीपीसीएल के अध्यक्ष संजीव मित्तल को भेजे गए पत्र में पावर ग्रिड के अधिशासी निदेशक (वाणिज्यिक) महेंद्र सिंह ने लिखा है कि केंद्रीय बिजली नियामक आयोग में सुनवाई के बाद भी यूपीपीसीएल की तरफ से बकाये के भुगतान को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया। ऐसे में ग्रिड के समक्ष राज्य को दी जाने वाली 800 मेगावाट बिजली को नियंत्रित करने के अलावा और कोई चारा नहीं है।

इसका मतलब हुआ कि ग्रिड उत्तर प्रदेश को सामान्य आपूर्ति से 800 मेगावाट कम बिजली की आपूर्ति करेगा। यह कटौती शुल्क के पूरा भुगतान होने तक या चार महीने तक जारी रह सकती है। ग्रिड ने यह भी कहा है कि उसने यह कदम इलेक्ट्रिसिटी एक्ट, 2003 के तहत उठाया है।

पावर ग्रिड ने दिल्ली को भी 400 मेगावाट की बिजली काटने का नोटिस जारी किया हुआ है। दिल्ली की बिजली वितरण कंपनी बीएसईएस ने भी समय पर भुगतान नहीं किया है। इसलिए उसे दी जाने वाली बिजली में 400 मेगावाट की कटौती की जा रही है।

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