उत्पाद शुल्क विभाग ने जानीमानी एफएमसीजी कंपनी कैडबरी इंडिया को कर वंचना के मामले में कारण बताओ नोटिस भेज कर करीब 250 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा है। डायरेक्ट जनरल ऑफ सेंट्रल एक्साइज इंटेलीजेंस (डीजीसीईआई) ने वर्ष 2011-12 में यह मामला पकड़ा था, तब से इसकी जांच चल रही है।
डीजीसीईआई सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जांच पाया गया है कि कंपनी ने हिमाचल प्रदेश के बद्दी में नई यूनिट शुरू होने से पहले ही क्षेत्र आधारित टैक्स छूट का लाभ लेना शुरू कर दिया। इसके लिए कई तरह की हेराफेरी की गई।
मामले पर कैडबरी इंडिया के प्रवक्ता का कहना है कि उत्पाद शुल्क विभाग की ओर से भेजे गए नोटिस की समीक्षा की जा रही है। कानूनी परामर्श लेने के बाद इसका जवाब भेजा जाएगा। मामले की छानबीन के बाद डीजीसीईआई ने 103 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की गई है। नोटिस का जवाब देने के लिए कंपनी को 30 दिन का समय दिया गया है। कंपनी के टॉप मैनेजमेंट में शामिल 15 लोगों से जवाब तलब किया गया है।
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में स्थापित होने वाली नई औद्योगिक इकाइयों को कुछ उत्पादों पर 10 साल के उत्पाद शुल्क से छूट मिलती है। इस छूट का लाभ सिर्फ उन्हीं इकाइयों को मिल सकता है, जो मार्च 2010 से पहले स्थापित हुई हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जांच एजेंसी ने पाया है कि बद्दी के नजदीक संडोली गांव में नई इकाई शुरू होने से पहले ही कंपनी ने उत्पाद शुल्क से छूट का फायदा उठाना शुरू कर दिया था।
सेबी भी कर रहा है जांच
बद्दी में टैक्स बचाने के लिए अलग से नई इकाई शुरू करने के लिए राज्य सरकार के अफसरों को रिश्वत देने के आरोप भी कैडबरी पर लग चुके हैं। फॉरेन करप्ट प्रैक्टिस एक्ट के तहत सेबी की ओर से इस मामले की जांच भी करवाई जा रही है।