मुंबई। शेयर बाजार नियामक सेबी ने प्रिफरेंशियल शेयरों की बिक्री के लिए नियम जारी किए हैं। इसके अलावा डेट के साथ इक्विटी कंपोनेंट वाली हाइब्रिड सिक्योरिटीज को एक्सचेंजों में लिस्ट कराने का रास्ता भी नियामक ने साफ कर दिया है।
नियमों के मुताबिक भारतीय कंपनियों की ओर से जारी किए जाने वाले नॉन कन्वर्टिबल रीडीमेबल प्रिफरेंशियल शेयरों की रेटिंग न्यूनतम एए माइनस होनी चाहिए। साथ इनकी अवधि कम से कम तीन साल होनी चाहिए। नियामक ने इन नियमों में कंपनियों की ओर से अब तक बेचे गए प्रिफरेंशियल शेयरों को शामिल नहीं किया है।
इन शेयरों में निवेश करने वाले निवेशकों को डिविडेंड हासिल करने व डिफॉल्ट की स्थिति में निवेश वापसी में वरीयता मिलती है, लेकिन इन्हें वोटिंग अधिकार नहीं मिलते।
प्राइवेट प्लेसमेंट के जरिये बेचे जाने वाले प्रिफरेंशियल शेयरों को भी स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध कराया जा सकेगा। नियामक ने इन शेयरों का बाजार तैयार करने के लिए यह कदम उठाया है। घरेलू बैंक भी अपने टियर वन पूंजी के तहत कुछ प्रिफरेंशियल शेयर जारी कर सकेंगे।