जारी रहेंगी सिस्टेमा की मोबाइल सेवाएं

sistema-shyam-retains-spectrum 2013-3-12नई दिल्ली। रूस की टेलीकॉम कंपनी सिस्टेमा अब भारत से विदा नहीं होगी। कंपनी ने सोमवार को हुई नीलामी में देश के आठ सर्किलों में सीडीएमए आधारित मोबाइल सेवा देने के लिए फिर से स्पेक्ट्रम हासिल कर लिया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने भी इन सर्किलों में कंपनी की सेवाएं जारी रखने को मंजूरी दे दी है।

सर्वोच्च अदालत ने पिछले साल टेलीकॉम आपरेटरों के 122 लाइसेंस रद कर दिए थे। इनमें सिस्टेमा के लाइसेंस भी शामिल थे। रूसी कंपनी यहां श्याम टेलीकम्युनिकेशंस के साथ मिलकर एमटीएस ब्रांड नाम से टेलीकॉम सेवाएं दे रही है।

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले से रद टेलीकॉम लाइसेंस को बेच कर खजाना भरने की सरकार की एक और कोशिश बेकार गई। दूसरे दौर की स्पेक्ट्रम नीलामी में सिस्टेमा श्याम टेलीकम्युनिकेशंस लिमिटेड (एसएसटीएल) के अलावा और किसी और ऑपरेटर ने हिस्सा नहीं लिया। इस वजह से कंपनी को 800 मेगाहर्टज स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए निर्धारित न्यूनतम कीमत 3639 करोड़ रुपये ही अदा करनी पड़ेगी। इसमें से 1626 करोड़ रुपये पहले ही कंपनी भुगतान कर चुकी है जिसका समायोजन इस राशि में किया जाएगा।

यह राशि उसने पूर्व संचार मंत्री ए राजा के कार्यकाल में पूरे देश में दूरसंचार लाइसेंस लेने के लिए दिए थे। यानी ताजा नीलामी से सरकार के खजाने में सिर्फ 2013 करोड़ रुपये ही आएंगे। वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने दूसरे दौर की स्पेक्ट्रम नीलामी से 19 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा जुटाने का लक्ष्य रखा था। जिन सर्किलों के लिए कंपनी ने स्पेक्ट्रम हासिल किया है उनमें दिल्ली, कोलकाता, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, उत्तर प्रदेश (पश्चिम) और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। लाइसेंस रद होने से पहले भी कंपनी इन्हीं सर्किलों में अपनी सेवाएं दे रही थी।

2013 करोड़ रुपये की ताजा राशि कंपनी को अगले दस वर्षो में बराबर की सालाना किस्त में अदा करनी है। पहली किस्त 2016 में देनी है। दूरसंचार सचिव आर चंद्रशेखर ने स्वीकार किया कि जितना स्पेक्ट्रम बेचने का प्रस्ताव किया गया था उसमें से सिर्फ 40 फीसद की ही बिक्री हो सकी है। सरकार ने 2012-13 में स्पेक्ट्रम नीलामी से 40 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था। बाद में इस लक्ष्य को घटा कर 19,400 करोड़ रुपये कर दिया गया था।

नवंबर 2012 में जीएसएम स्पेक्ट्रम की पहले दौर की नीलामी से केंद्र को 9407 करोड़ रुपये मिले हैं। दूसरे दौर की नीलामी से सरकार को इस साल कुछ नहीं मिलेगा।

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