नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में तीसरी बार मुख्य ब्याज दरों में कटौती का एलान किया है। अप्रैल, 2012 से अब तक रेपो दर में दो फीसद की कटौती की जा चुकी है। लेकिन बैकों की कर्ज पर ब्याज दरें लगभग जस की तस हैं। समझना आसान है। लगातार ऊंची महंगाई कर्ज और जमा दरों को ऊपर बनाए हुए है। ऐसे में निवेशकों का जोर सस्ते कर्ज से हटकर बचत को सुरक्षित रखने पर होना चाहिए। अर्थशास्त्र का एक शब्द है जीवन निर्वाह की लागत यानी कॉस्ट ऑफ लिविंग। हम बचत अथवा निवेश इसी कॉस्ट ऑफ लिविंग को ध्यान में रखकर करते हैं। इस लागत के लिए अगर कोई सरकारी आंकड़ा करीब नजर आता है तो वह है खुदरा मूल्य पर आधारित महंगाई दर। यह दर अभी 11 फीसद के करीब है। लैडर 7 एडवाजरी के फाउंडर सुरेश सदागोपन के मुताबिक निवेश का ऐसा कोई भी जरिया नजर नहीं आ रहा है, जो महंगाई दर के असर को खत्म कर सके। सिर्फ शेयर बाजार ही लंबी अवधि में 12 से 15 फीसद का रिटर्न दे पाया है। लेकिन बीते पांच सालों में शेयर बाजार के रिटर्न का हाल भी खस्ता ही रहा है। ऐसे में लंबी अवधि में बेहतरीन टैक्स फ्री रिटर्न का जरिया है पीपीएफ यानी पब्लिक प्रॉविडेंट फंड जहां 8.5 फीसद सालाना का रिटर्न मिल रहा है। इसके बाद बारी आती है टैक्स फ्री बांड्स की, जहां 7.3 से 8 फीसद का रिटर्न मिलता है।
लब्बो लुआब यह है कि फिलहाल बाजार से जुड़े रिटर्न मुश्किल में हैं, क्योंकि इन पर राजनीतिक रंग के साथ चुनाव की आहट सर माथे चढ़ चुकी है। एसएमसी के जगन्नाथम के मुताबिक साल भर शेयर बाजार से रिटर्न की उम्मीद करना निराश कर सकता है। यूरोपीय संघ की मंदी ने अनिश्चतता को और भी बढ़ा दिया है। देश में मौजूदा राजनीतिक माहौल में आर्थिक सुधारों का हाल क्या होगा किसी से छिपा नहीं है। ऐसे में भारत में विकास दर को बढ़ावा देने के लिए आरबीआइ ब्याज दरों में कितनी कटौती कर पाएगा, कहना मुश्किल है। कई जानकार मानते है कि दिसंबर तक रिजर्व बैंक 75 आधार अंकों (बेसिस प्वाइंट) की कटौती करेगा, लेकिन कई विशेषज्ञों के मुताबिक कटौती केवल 25 आधार अंकों की ही हो पाएगी। ऐसे में छोटे निवेशकों को सावधान रहना चाहिए।
क्या करें छोटे निवेशक:
सामान्य निवेशक जिनके लिए ज्यादा जोखिम उठाना संभव नहीं, उनके लिए मौजूदा ब्याज दरों के माहौल में डेट म्युचुअल फंड अच्छा विकल्प है। अच्छे फंड मैनेजर निवेश पर 10 से 11 फीसद का सालाना रिटर्न दे पाते हैं। इंडेक्सेशन के बाद इनका रिटर्न 9.5 फीसद के करीब बैठता है। इसे बेहतर कहा जा सकता है। सदागोपन की सलाह है कि छोटे निवेशकों को डायनमिक बांड फंड में निवेश करना चाहिए, जिसमें फंड मैनेजर आपकी ओर से पोर्टफोलियो में यथोचित बदलाव करता रहता है।
उनके मुताबिक बिरला सनलाइफ का डायनमिक बांड फंड, आइडीएफसी का डामनमिक फंड ग्रोथ कुछ अच्छे विकल्प हैं। वैसे भी जानकारों की राय है कि छोटे निवेशकों को बैलेंस फंड में ही निवेश करना चाहिए, जिससे उन्हें बाजार में तेजी का फायदा भी मिल पाए और डेट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश की स्थिरता का लाभ भी।
सोना-रीयल एस्टेट:
परंपरागत निवेशक मंहगाई से बचने के लिए सोने और जमीन में निवेश करना ज्यादा पसंद करते हैं। अर्थशास्त्रीय गणित भी यही कहता है कि इन दोनों ही एसेट क्लास की सप्लाई सीमित है और मांग में लगातार बढ़ोतरी हो रही है तो इनकी कीमतें हमेशा बढ़ेंगी। लेकिन इस तथ्य को नहीं भूलना चाहिए कि शेयर, कमोडिटी, ब्याज दर की ही तरह सोने और रीयल एस्टेट भी एक चक्र में प्रदर्शन करती हैं। साल 1995 से 2003 के बीच रीयल एस्टेट ने रिटर्न के नाम पर कुछ भी नहीं दिया, जबकि 2003 के बाद निवेशकों का पैसा 5 से 7 गुना तक बढ़ गया।
अब चूंकि लोगों का विश्वास शेयर बाजार पर नहीं जम रहा और सोने में भी इस साल रिटर्न मिलने की संभावना कम ही है, रीयल एस्टेट की मांग बनी हुई है। लेकिन जानकार मानते हैं कि आगे जाते हुए रीयल एस्टेट में भी रिटर्न गिरेंगे और कई सालों तक निराश करेंगे। इसलिए अभी इस क्षेत्र में बड़ा निवेश तयशुदा रिटर्न की गारंटी नहीं है। सोने को लेकर भी असमंजस जारी है।
वैश्विक अनिश्चितता भले ही सोने को थोड़ा सहारा दे, लेकिन वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने साल 2013 में सोने में रिटर्न को लेकर आशंका ही जताई है। इसलिए मंहगाई से लड़ने के लिए रीयल एस्टेट लघु अवधि में भले ही आपकी कुछ मदद करे, मगर सोने पर भरोसा करना कतई उचित नहीं।
‘2013-14 के दौरान हेडलाइन इंफ्लेशन एक दायरे में ही रहने की उम्मीद है। .. चालू खाते के घाटे को लेकर चिंता गंभीर बनी हुई है। ऐसे में मौद्रिक नीति भले ही विकास को तरजीह दे, मगर इसमें ढील देने की गुंजाइश कम बचती है।’
-डी सुब्बाराव गवर्नर, आरबीआइ
इन्फो इंडेक्स:
-सरकार ने स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) में 5.82 फीसद हिस्सेदारी ऑफर फॉर सेल के जरिये बेची। कंपनी का इश्यू 23 मार्च को आया। इसका फ्लोर प्राइस 63 रुपये प्रति शेयर तय किया गया। इससे सरकार को 1500 करोड़ रुपये से ज्यादा मिले।
-सेबी ने म्युचुअल फंडों को जोखिम के आधार पर कलर कोडिंग के दिशानिर्देश जारी किए हैं। अब सर्वाधिक जोखिम वाले फंडों के लिए भूरे, मध्यम जोखिम वाले फंडों के लिए पीले और सबसे कम जोखिम वाले फंडों के लिए नीले रंग का इस्तेमाल किया जाएगा।
-रिलायंस लाइफ इंश्योरेंस ने स्वास्थ्य बीमा योजना लांच की है, जिसमे पूरे परिवार को हेल्थ कवर मुहैया कराया जा रहा है। रिलायंस लाइफकेयर फॉर य़ू एडवांडेज प्लान में तीन साल के लिए एक ही प्रीमियम में पूरे परिवार को हेल्थ कवर देने का वादा किया गया है।
-बीमा नियामक इरडा ने स्वास्थ्य बीमा विनियम 2013 को अधिसूचित कर दिया है। इरडा का दावा है कि इन दिशानिर्देशों के लागू होने के बाद ग्राहकों को हेल्थ बीमा की बेहतर सुविधा मिलने में आसानी होगी।
-सरकार ने साल 2013-14 में उधारी का कैलेंडर जारी कर दिया है। पहले छह माह में 3.49 लाख करोड़ रुपये उठाए जाएंगे। इसके बाद बांड बाजार में तेजी देखी गई।
-साइप्रस में जारी कर्ज संकट को लेकर 21 मार्च को अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने के भाव तीन हफ्तों के उच्चतम स्तर 1615 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर पहुंच गए।
अलर्ट:
-25 मार्च को साइप्रस के आर्थिक संकट का हल खोजने के लिए वहां की सरकार, आइएमएफ और यूरोपीय संघ के साथ बेलआउट पैकेज पर सबकी निगाह रहेगी।
-29 मार्च को आरबीआइ द्वारा जारी होने वाले चौथी तिमाही के चालू खाते घाटे के आंकड़ों पर निगाह रखें।
-फ्यूचर रिटेल, बाटा इंडिया और एम्फेसिस के नतीजे इस हफ्ते आ रहे हैं। एनटीपीसी, एनएमडीसी, नेस्ले इंडिया लाभांश की घोषणा करने वाली हैं।
-एचडीएफसी के फिक्स्ड मैच्योरिटी म्युचुअल फंड प्लान की कई सीरीज में निवेश की अंतिम तारीख 25 मार्च है। कुछ रीयल्टी फर्मे अपनी कीमतें घटा सकती हैं। निवेशक नजर रखें।
-सनस्टार रीयल्टी का आइपीओ 25 मार्च और चैनल नाइन का 26 मार्च को बंद हो रहा है। ओपल लक्जरी टाइम और आशापुरा फैशन के आइपीओ इस हफ्ते आ रहे हैं।