नई दिल्ली। निर्यात में कमी और व्यापार घाटे पर लगाम लगाने के लिए सरकार 18 अप्रैल को नई विदेश व्यापार नीति जारी करेगी। इसमें निर्यातकों को रियायतें देने की घोषणा हो सकती है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने बुधवार को उद्योग संगठन सीआइआइ की सालाना आम सभा को संबोधित करते हुए कहा कि विदेश व्यापार के मोर्चे पर कई अहम कदम उठाने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
शर्मा ने कहा कि निर्यात बढ़ाने के लिए अब तक कई कदम उठाए गए हैं। भविष्य को ध्यान में रखते हुए व्यावहारिक नई व्यापार नीति जारी की जाएगी। इससे पहले सरकार ने दिसंबर 2012 में निर्यात बढ़ाने के लिए कुछ कदमों की घोषणा की थी। इनमें मार्च 2014 तक के लिए दो फीसद ब्याज सब्सिडी के विस्तार का फैसला भी शामिल था। शर्मा ने कहा कि निर्यातकों को प्रोत्साहन के विभिन्न मसलों पर वित्त मंत्री पी चिदंबरम से विस्तृत विचार-विमर्श किया गया है। सूत्रों के मुताबिक निर्यातकों को फोकस प्रोडक्ट और फोकस मार्केट योजनाओं के तहत लाभ दिया जा सकता है। देश के कुल निर्यात में 30 फीसद हिस्सेदारी वाले विशेष आर्थिक क्षेत्रों (सेज) को भी प्रोत्साहन दिया जा सकता है। इससे निर्यातकों को बढ़ावा मिलेगा और व्यापार घाटा कम करने में मदद मिलेगी।
वाणिज्य मंत्री के मुताबिक बढ़ता आयात देश के लिए गंभीर चुनौती है। इस वजह से वित्त वर्ष 2012-13 में व्यापार घाटा 192-196 अरब डॉलर के बीच रह सकता है। भारी व्यापार घाटे के कारण दिसंबर 2012 तिमाही में चालू खाते का घाटा भी 6.7 फीसद के ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है। वर्ष 2012-13 की अप्रैल-फरवरी अवधि में देश का निर्यात चार फीसद घटकर 265.95 अरब डॉलर रह गया है। इंजीनियरिंग और टेक्सटाइल सेक्टर में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गई है।
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