नई दिल्ली। अलगाव के बाद अंबानी बंधु में हाल में हुए पहले कारोबारी समझौते से आगे की कई राहें खुल गई हैं। अब उम्मीद जताई जाने लगी है कि मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस जियो इंफोकॉम (आरजेआइ) अनिल अंबानी की रिलायंस कम्युनिकेशन (आरकॉम) के स्पेक्ट्रम का भी इस्तेमाल कर सकती है। हालांकि, यह फैसला सरकार द्वारा नई एकीकृत लाइसेंस नीति को मंजूरी दिए जाने पर ही संभव है। इसके तहत स्पेक्ट्रम की साझेदारी का प्रावधान किया जा रहा है। ग्लोबल निवेश बैंकर गोल्डमैन सॉक्श ने अपनी ताजा रिपोर्ट में यह उम्मीद जताई है।
आरजेआइ ने दिसंबर तक देश में 4जी सेवा शुरू करने की घोषणा की है। मुकेश अंबानी की इस कंपनी ने अनिल अंबानी की आरकॉम के ऑप्टिक फाइबर नेटवर्क का इस्तेमाल करने के लिए 1,200 करोड़ रुपये का समझौता किया है। गोल्डमैन के मुताबिक दोनों कंपनियां अब स्पेक्ट्रम व टावर शेयरिंग और नए ऑप्टिक फाइबर नेटवर्क बिछाने के लिए समझौते कर सकती हैं। आरकॉम को आरआइएल के टेलीकॉम कारोबार से आगे बढ़ने के कई अवसर मिलेंगे। ऑप्टिक फाइबर के लिए हुए समझौते से कर्ज में डूबी आरकॉम के लिए फायदा कमाने के नए रास्ते खुले हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि मानसून आने वाला है, इसलिए आरजेआइ को फाइबर बिछाने और टावर बनाने में काफी समय लगेगा। ऐसे में इन्हें किराए पर लेकर मुकेश ने समझदारी भरा कदम उठाया है।
टेलीकॉम सेक्टर में यह हलचल सरकार द्वारा नई एकीकृत लाइसेंस प्रणाली को सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी देने के बाद हुई है। इसके तहत स्पेक्ट्रम के आपसी इस्तेमाल की मंजूरी कंपनियों को दी गई है। लाइसेंस प्रणाली को अंतिम रूप देने में टेलीकॉम विभाग (डॉट) जुटा हुआ है। इसके तहत आरजेआइ और आरकॉम मात्र 15 करोड़ रुपये चुका कर एकीकृत लाइसेंस हासिल कर सकती है।