मारुति को अब तक का सबसे ज्यादा मुनाफा

maruti-suzuki-logoनई दिल्ली। कार बाजार में चौतरफा चुनौती झेलने के बावजूद देश की दिग्गज कंपनी मारुति सुजुकी ने अब तक का सबसे ज्यादा तिमाही मुनाफा कमाया है। जनवरी-मार्च तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 79.4 फीसद उछाल के साथ 1,147.5 करोड़ रुपये हो गया। पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी को महज 639.8 करोड़ रुपये का लाभ हुआ था।

कंपनी में हाल ही में विलय की गई सुजुकी पावरट्रेन इंडिया लिमिटेड (एसपीआइएल) का मुनाफा जोड़ने पर कुल मुनाफा और भी ज्यादा 1,239.6 करोड़ रुपये रहा है। समीक्षाधीन तिमाही में कंपनी की बिक्री 9.4 फीसद बढ़कर 12,566.6 करोड़ रुपये हो गई। बीती तिमाही में कंपनी ने 3,43,709 कारें बेचीं, जो पिछले साल की समान तिमाही की 3,60,334 कारों की बिक्री से 4.6 फीसद कम है। कंपनी के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर अजय सेठ ने कहा कि मुनाफे में वृद्धि कई कारणों से दर्ज हुई है। लागत में कमी के कारण अर्टिगा, डिजायर और स्विफ्ट जैसे मॉडलों पर मार्जिन बढ़ने के अलावा अनुकूल विनिमय दरों का भी लाभ मिला है।

इससे पहले वर्ष 2009-10 की तीसरी तिमाही में कंपनी ने सबसे ज्यादा 688 करोड़ रुपये का लाभ कमाया था। पूरे वित्त वर्ष 2012-13 में एकल आधार पर कंपनी का शुद्ध लाभ 40.7 फीसद के उछाल के साथ 2,300 करोड़ रुपये का हो गया। बीते साल कंपनी की बिक्री 21.4 फीसद बढ़कर 42,122.9 करोड़ रुपये हो गई।

हीरो का लाभ लुढ़का

मांग में कमी के चलते दोपहिया वाहन कंपनी हीरो मोटोकॉर्प का शुद्ध लाभ मार्च तिमाही में 4.86 फीसद घटकर 574.23 करोड़ रुपये रह गया। इस दौरान कंपनी की आय 1.84 फीसद बढ़कर 6,145.75 करोड़ रुपये हो गई। 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष में कंपनी का शुद्ध लाभ 10.93 फीसद बढ़कर 2,118.16 करोड़ रुपये हो गया।

आइसीआइसीआइ ने भरी तिजोरी

निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक आइसीआइसीआइ का शुद्ध लाभ बीती तिमाही में 21 फीसद के उछाल के साथ 2,304 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। एकल आधार पर पिछले साल की समान तिमाही में बैंक को 1,902 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। बैंक की सीएमडी चंदा कोचर ने कहा कि कारोबार में वृद्धि और दक्षता में वृद्धि के चलते लाभ में यह बढ़ोतरी हुई है। बीती तिमाही में बैंक की शुद्ध ब्याज आय 22 फीसद बढ़कर 3,803 करोड़ रुपये हो गई, जबकि गैर ब्याज आय 2,228 करोड़ रुपये से घटकर 2,208 करोड़ रुपये हो गई। एकीकृत आधार पर बैंक का शुद्ध लाभ 38 फीसद बढ़कर 2,492 करोड़ रुपये हो गया।

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