नई दिल्ली। देश की आर्थिक विकास दर ही पिछले एक दशक के तलहटी पर नहीं पहुंची है, बल्कि इसके साथ आम जनता की कमाई पर भी गहरी चपत लगी है। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर के हिसाब से देखें तो वर्ष 2012-13 के दौरान प्रति व्यक्ति आय में महज तीन फीसद की वृद्धि हुई है। जबकि इसके पिछले वर्ष यह वृद्धि दर 4.7 फीसद थी। इस हिसाब से आम भारतीयों की आमदनी के दोगुना होने में 25 साल लग जाएंगे।
जानकारों के मुताबिक अगर विकास दर पांच फीसद के आसपास अगले दो साल तक भी बनी रहती है तो देश से गरीबी खत्म करने की मुहिम पांच वर्ष तक पीछे जा सकती है। योजना आयोग के आंकड़ों के अनुसार भारत की पूरी आबादी का 29.8 फीसद गरीबी रेखा के नीचे है। इसे पूरी तरह से खत्म करने के लिए अगले दो दशकों तक आठ से दस फीसद की विकास दर चाहिए। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के अर्थशास्त्री डीके जोशी का कहना है कि वर्ष 2011-12 की विकास दर 6.5 फीसद रही थी। पिछले वित्त वर्ष में यह पांच फीसद से भी नीचे आ गई। चालू वित्त वर्ष 2013-14 में इस दर के साढ़े पांच फीसद के करीब रहने की बात की जा रही है। लगातार तीन वर्षो तक विकास दर बहुत कम रहने की वजह से प्रति व्यक्ति आय कम रहेगी।
इससे गरीबी दूर करने के प्रयासों को भी धक्का लगेगा। वित्त मंत्रालय के पूर्व आर्थिक सलाहकार राजीव कुमार का कहना है, ‘विकास दर का सीधा संबंधी गरीबी से है। इस विकास दर के साथ हम प्रति भारतीयों की आय को दोगुना करने में 25 वर्ष लग जाएंगे। अगर सात या आठ फीसद की विकास दर हासिल की जाती है तो प्रति व्यक्ति आय सिर्फ 14 वर्षो में दोगुनी हो जाएगी। इससे तेजी से गरीबी दूर होगी।’ तेंदुलकर समिति की रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि 2004-05 से 2009-10 के बीच गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों की संख्या 37.6 से घटकर 29.8 फीसद इसलिए आई है क्योंकि इस दौरान औसतन आठ फीसद की विकास दर हासिल की गई थी। छह फीसद से कम विकास दर से अगले ढाई दशकों तक भी गरीबी दूर नहीं की जा सकेगी।
वर्ष 2004-05 से भारत दुनिया में सबसे तेजी से विकास दर हासिल करने वाले शीर्ष देशों में लगातार शामिल है। इसके बावजूद प्रति व्यक्ति आय के मामले में भारत का स्थान पिछड़ता जा रहा है। विश्व बैंक की ताजा रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2011 में भारत की प्रति व्यक्ति आय 3,468 डॉलर थी और हम 129वें स्थान पर थे। मौजूदा आर्थिक विकास दर के जरिये चीन (7,694 डॉलर प्रति व्यक्ति आय) के स्तर पर पहुंचने में 25 वर्ष से ज्यादा लग जाएंगे।