खबर सबको है पर सब बेखबर हैं
अजमेर/ ‘झुकी हुई कमर के पेड़ आजकल आम हैं‘ कविता के माध्यम से कमजोर होती पीढ़ी को इंगित करते हुए ‘खबर सबको है पर सब बेखबर हैं‘ पंक्तियों से संस्कृति चिंतक एवं संजिदा कवि डॉ. सुरेन्द्र भटनागर ने वर्तमान जनता की स्थिति पर गहरा कटाक्ष प्रस्तुत किया। उन्होंने ‘कुरूक्षेत्र पहले से अधिक क्रूर है, इन्द्रप्रस्थ … Read more