जैन संस्कृति का वर्चस्व रहा है प्राचीन अजमेर में

आज जब महान सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के दीवान सैयद जैनुअल आबेदीन अली खां ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिख कर अजमेर को राष्ट्रीय स्तर पर जैन तीर्थस्थल घोषित करने की मांग की है, तो यकायक अजमेर के इतिहास पर गहरी पकड रखने वाले वरिश्ठ पत्रकार श्री शिव शर्मा के … Read more

श्रीमती कमला चन्द्र गोकलानी : सिंधी साहित्य जगत में जिनकी धाक है

हिंदुस्तान के विभाजन होने के दौरान अपनी सभ्यता व संस्कृति की रक्षा के लिए जमीन-जायदाद सब कुछ का त्याग कर सिंध प्रांत से अजमेर आए परिवारों ने अनेक कठिनाइयों का सामना करते हुए अपने आपको स्थापित किया। इन परिवारों की कई शख्सियतों ने अपने व्यक्तित्व व कृतित्व से सिंधी समाज का नाम रोशन किया। श्रीमती … Read more

काको आडवाणी, मामो मोटवाणी

काको आडवाणी, मामो मोटवाणी। क्या यह जुमला आपने सुना है? नई पीढी को तो नहीं, मगर पुरानी पीढी के राजनीति के जानकारों को ख्याल में होगा कि यह नारा अजमेर में तब उछाला गया था, जब कांग्रेस ने सन् 1996 के लोकसभा चुनाव में एक लाख सिंधी मतदाताओं के मद्देनजर स्वर्गीय श्री किशन मोटवाणी को … Read more

तारादेवी व मीनाक्षी यादव ने अभी से ठोक दी ताल

हालांकि अजमेर नगर निगम के चुनाव अभी दूर हैं, लेकिन चुनाव लडने के इच्छुक नेता अंदरखाने तैयारी कर रहे हैं। राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व सदस्य प्रताप यादव की पत्नी श्रीमती तारा देवी यादव व पुत्री मीनाक्षी यादव ने तो अभी से वार्ड छह व सात में ताल ठोक दी है। ज्ञातव्य है कि … Read more

स्वामी श्री हिरदाराम जी की गाली निहाल कर देती थी

अगर हमें कोई गाली दे तो स्वाभाविक रूप से हमें बुरा लगता है। गुस्सा आता है। मगर क्या आप यह मान सकते हैं कि कोई आपको गाली दे और आप खुश हो जाएं, आल्हादित हो जाएं। जी हां, अजमेर में एक ऐसी महान हस्ती गुजरी है, जिनकी गाली खा कर आदमी खुश हो जाता था। … Read more

एक दूसरे के पर्याय डॉ. रशिका महर्षि – दिलीप महर्षि

एक कहावत है कि हर सफल आदमी की कामयाबी में, उसके वजूद के पीछे औरत का हाथ होता है। यह मीडिया फोरम की महासचिव डॉ. रशिका महर्षि के पति स्वर्गीय श्री दिलीप महर्षि पर सटीक बैठती है। कहावत का उलट भी इस दंपति पर फिट बैठता है। डॉ. रशिका महर्षि की सफलता में दिलीप महर्षि … Read more

अजमेर के विकास पर अंग्रेजी हुकूमत की छाप

दरगाह और पुष्कर को छोड़ कर अगर अजमेर कुछ है तो उसमें अंग्रेज अफसरों का योगदान है। सीपीडब्ल्यूडी, सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एज्युकेशन, कलेक्ट्रेट बिल्डिंग, सेन्ट्रल जेल, पुलिस लाइन, टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज, लोको-केरिज कारखाने, डिविजन रेलवे कार्यालय बिल्डिंग, मार्टिन्डल ब्रिज, सर्किट हाउस, अजमेर रेलवे स्टेशन, क्लॉक टावर, गवर्नमेन्ट हाई स्कूल, सोफिया कॉलेज व स्कूल, मेयो … Read more

जाने-माने फोटो जर्नलिस्ट श्री मोती माखीजा नहीं रहे

चंद दिन पहले अजमेर ने सुपरिचित वरिष्ठ फोटो जर्नलिस्ट श्री महेश नटराज उर्फ महेश मूलचंदानी को खोया है। इहलोक से उनकी विदाई की पीडा अभी ताजा है कि एक और जाने-माने वरिष्ठ फोटो जर्नलिस्ट श्री मोती नीलम उर्फ मोती माखीजा हमको अलविदा कह गए। वे सोनी जी की नसिंया से नया बाजार जाने वाले रास्ते … Read more

हरदिल अजीज दिलीप महर्षि खुद मुस्कुराते हुए अपनों को बिलखता छोड़ ब्रह्मांड में विलीन हो गए…

अजमेर के मोदियाना गली से जी-ब्लॉक कॉलोनी में बसे परोपकारी श्री दिलीप महर्षि “पप्पू” हँसते बोलते अचानक ब्रह्मलीन हो गए। अविस्मरणीय, अविश्वसनीय घटना से मन स्तब्ध है। अभी का ही प्रसंग है- पहले जयपुर फिर किशनगढ़ के एक समारोह में हँसी मज़ाक के साथ सारगर्भित वार्तालाप हुई। हालांकि मै जब भी मिलता यह सामान्य बात … Read more

अजयपाल जोगी, काया राख निरोगी

अनेक इतिहासकार मानते हैं कि अजमेर के प्रथम शासक अजयराज ही अजयपाल जोगी थे, जिनके नाम लेने मात्र से लोग स्वस्थ हो जाया करते थे। प्रसंगवश बाबा अजयपाल के बारे में और अधिक जानकारी भी ले लें। अजयपाल बाबा का स्थान फॉयसागर से छह किलोमीटर दूर अजयसर गांव में है। इतिहासविद श्री शिव शर्मा के … Read more

बुराई हर जगह है, छोड़ कर कहां जाओगे?

एक बार की बात है। तब दैनिक न्याय के प्रकाशक व संपादक स्वर्गीय बाबा श्री विश्वदेव शर्मा अजमेर में थे। बाद में वे अहमदाबाद शिफ्ट हो गए। न्याय में एक प्रूफ रीडर थे। नाम भूल गया। शायद सरनेम मिश्रा था। निहायत सज्जन। निहायत सज्जन माने वाकई निहायत सज्जन। एकदम सीधे। सरल। अल्लाह की गाय समान। … Read more

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