अजमेर के विकास पर अंग्रेजी हुकूमत की छाप

दरगाह और पुष्कर को छोड़ कर अगर अजमेर कुछ है तो उसमें अंग्रेज अफसरों का योगदान है। सीपीडब्ल्यूडी, सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एज्युकेशन, कलेक्ट्रेट बिल्डिंग, सेन्ट्रल जेल, पुलिस लाइन, टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज, लोको-केरिज कारखाने, डिविजन रेलवे कार्यालय बिल्डिंग, मार्टिन्डल ब्रिज, सर्किट हाउस, अजमेर रेलवे स्टेशन, क्लॉक टावर, गवर्नमेन्ट हाई स्कूल, सोफिया कॉलेज व स्कूल, मेयो … Read more

जाने-माने फोटो जर्नलिस्ट श्री मोती माखीजा नहीं रहे

चंद दिन पहले अजमेर ने सुपरिचित वरिष्ठ फोटो जर्नलिस्ट श्री महेश नटराज उर्फ महेश मूलचंदानी को खोया है। इहलोक से उनकी विदाई की पीडा अभी ताजा है कि एक और जाने-माने वरिष्ठ फोटो जर्नलिस्ट श्री मोती नीलम उर्फ मोती माखीजा हमको अलविदा कह गए। वे सोनी जी की नसिंया से नया बाजार जाने वाले रास्ते … Read more

हरदिल अजीज दिलीप महर्षि खुद मुस्कुराते हुए अपनों को बिलखता छोड़ ब्रह्मांड में विलीन हो गए…

अजमेर के मोदियाना गली से जी-ब्लॉक कॉलोनी में बसे परोपकारी श्री दिलीप महर्षि “पप्पू” हँसते बोलते अचानक ब्रह्मलीन हो गए। अविस्मरणीय, अविश्वसनीय घटना से मन स्तब्ध है। अभी का ही प्रसंग है- पहले जयपुर फिर किशनगढ़ के एक समारोह में हँसी मज़ाक के साथ सारगर्भित वार्तालाप हुई। हालांकि मै जब भी मिलता यह सामान्य बात … Read more

अजयपाल जोगी, काया राख निरोगी

अनेक इतिहासकार मानते हैं कि अजमेर के प्रथम शासक अजयराज ही अजयपाल जोगी थे, जिनके नाम लेने मात्र से लोग स्वस्थ हो जाया करते थे। प्रसंगवश बाबा अजयपाल के बारे में और अधिक जानकारी भी ले लें। अजयपाल बाबा का स्थान फॉयसागर से छह किलोमीटर दूर अजयसर गांव में है। इतिहासविद श्री शिव शर्मा के … Read more

बुराई हर जगह है, छोड़ कर कहां जाओगे?

एक बार की बात है। तब दैनिक न्याय के प्रकाशक व संपादक स्वर्गीय बाबा श्री विश्वदेव शर्मा अजमेर में थे। बाद में वे अहमदाबाद शिफ्ट हो गए। न्याय में एक प्रूफ रीडर थे। नाम भूल गया। शायद सरनेम मिश्रा था। निहायत सज्जन। निहायत सज्जन माने वाकई निहायत सज्जन। एकदम सीधे। सरल। अल्लाह की गाय समान। … Read more

अजमेर में भी होता था मुजरा

हमने पुरानी फिल्मों में मुजरा देखा है। विरले ही होंगे, जिन्होंने मुजरा साक्षात देखा हो। मगर अजमेर में दाई किस्म के लोगों को ही पता है कि हमारे यहां भी किसी जमाने में मुजरा हुआ करता था। बताया जाता है कि स्टेशन रोड पर रेलवे गोदाम के सामने एक बिल्डिंग की दूसरी मंजिल पर मुजरा … Read more

ईमानदार पत्रकारिता के प्रति पूर्ण समर्पण ने क्या सिला दिया फोटो जर्नलिस्ट महेश नटराज को?

ईमानदार पत्रकारिता को पूर्ण समर्पित सुपरिचित फोटो जर्नलिस्ट स्वर्गीय श्री महेश नटराज का जीवन जिन हालात में कटा और बीमारी के कारण मृत्यु जिस तरह से हुई, उसने पत्रकारों के लिए यक्ष प्रश्न खडा कर दिया है। असल में अधिसंख्य फोटो जर्नलिस्ट व इलैक्ट्रोनिक मीडिया के रिपोर्टर्स ऐसे हैं, जिनका राज्य सरकार की ओर से … Read more

पान नहीं खाए अब सैंया हमार ..

मुस्लिम समुदाय में पान खाने का शौक अन्य वर्ग के मुकाबले कुछ ज्यादा रहा है। तीस चालीस साल पहले मुस्लिमों के लगभग सभी घरों में पानदान हुआ करते थे। आज की युवा पीढ़ी शायद पानदान नहीं जानती होगी। घर की बड़ी, बुजुर्ग महिलाओं के पास पानदान हुआ करता था। बैठक में कोई मेहमान आता तो … Read more

उपेक्षा की शिकार सोनीजी की नसियां

अजमेर के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में सोनीजी की नसियां का नाम स्वर्णाक्षरों में अंकित है। मगर ऐतिहासिक व धार्मिक महत्व वाले इस धर्मस्थल को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किए जाने पर सरकार की ओर से कोई प्रयास नहीं किए गए हैं। नसियां के प्रधान श्री प्रमोद सोनी ने बताया कि अजमेर के सभी धर्मस्थलों … Read more

अजमेर में धार्मिक पर्यटन की अपार संभावना

तीर्थराज पुष्कर व दरगाह ख्वाजा साहब के कारण यहां देश-विदेश से पर्यटकों, जिन्हें श्रद्धालु कहना अधिक उपयुक्त रहेगा, की आवक रहती है। दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र नारेली और सांई बाबा मंदिर भी तीर्थ यात्रियों को आकर्षित करते हैं। विश्व के पर्यटन मानचित्र पर अजमेर का नाम तो अंकित है, लेकिन पर्यटकों को बड़े पैमाने पर … Read more

किसी जमाने में अजमेर में कुत्ताशाला हुआ करती थी

आपने गौ शाला, कबूतर शाला के नाम तो सुने होंगे, क्या कुत्ता शाला का नाम भी सुना है? नई पीढी को तो कदाचित पता नहीं होगा, मगर कुछ बुजुर्गों को ख्याल में होगा कि अजमेर के गंज इलाके में कुत्ताशाला हुआ करती थी। वहां पर आवारा कुत्तों को रखा जाता था। बीमार कुत्तों का इलाज … Read more

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